Himachal Election : BJP और Congress के बागियों ने बढ़ाई दोनों पार्टियों की टेंशन, पढ़िए ये रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में तस्वीर धीरे धीरे साफ होने लगी है। कांग्रेस की अगर बात करें तो पार्टी के 6 नेता बगावत कर चुके हैं जबकि भाजपा की तरफ से 21 बागी चुनावी मैदान में हैं।
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हिमाचल प्रदेश में नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Election-2022) की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। प्रदेशभर में भाजपा (Himachal BJP) और कांग्रेस (Congress) के बागियों समेत 92 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए। लेकिन, भाजपा के 21 और कांग्रेस के सात बागियों ने अपने नामांकन वापस नहीं लिए हैं। ऐसे में चुनाव में बागी नेता दोनों पार्टियों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

शिमला। हिमाचल प्रदेश में नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Election-2022) की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। प्रदेशभर में भाजपा (Himachal BJP) और कांग्रेस (Congress) के बागियों समेत 92 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए। लेकिन, भाजपा के 21 और कांग्रेस के छह बागियों ने अपने नामांकन वापस नहीं लिए हैं। ऐसे में चुनाव में बागी नेता दोनों पार्टियों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

 

 

कुल 413 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला 

अब 68 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 413 प्रत्याशियों में मुकाबला होगा। इन प्रत्याशियों ने जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इसके बावजूद कई नेता ऐसे भी है जो चुनाव तो नहीं लड़ रहे लेकिन भीतरघात के जरिए पार्टियों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। नामांकन वापसी के दिन शनिवार को कुल्लू से निर्दलीय उतरे भाजपा के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह और चिंतपूर्णी से निर्दलीय उतरे कांग्रेस के पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार ने अपना अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। इससे दोनों पार्टियों कुछ राहत जरूर मिली है। 

मैदान में डटे हैं BJP के ये बागी नेता 

लंबे समय तक भाजपा (BJP) से जुड़े रहे जिन बागी नेताओं ने नामांकन वापस नहीं लिए हैं, उनमें बंजार से महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह, आनी से विधायक किशोरी लाल सागर, देहरा से विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ से पूर्व विधायक केएल ठाकुर, इंदौरा से पूर्व विधायक मनोहर धीमान, किन्नौर से पूर्व भाजपा विधायक तेजवंत नेगी, फतेहपुर से पूर्व सांसद कृपाल परमार, सुंदरनगर से पूर्व मंत्री रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर, बिलासपुर से सुभाष शर्मा, मंडी सदर से भाजपा नेता प्रवीण शर्मा, कुल्लू सदर से राम सिंह और नाचन से भाजपा नेता ज्ञान चंद शामिल हैं। 


 

BJP में बागियों की संख्या ज्यादा

इनके अलावा भाजपा के बागी नेताओं में धर्मशाला से विपिन नैहरिया, कांगड़ा से कुलभाष चौधरी, मनाली से महेंद्र सिंह ठाकुर, बड़सर से संजीव शर्मा, हमीरपुर से नरेश दर्जी, भोरंज से पवन कुमार और रोहडू से राजेंद्र धीरटा ने नामांकन वापस नहीं लिए हैं। चम्बा सदर से भाजपा नेता इंदिरा कपूर, हमीरपुर से आशीष शर्मा भी भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। मौजूदा तस्वीर बताती है कि भाजपा के बागियों की संख्या ज्यादा है। इसलिए कांग्रेस की तुलना में भाजपा की चुनौतियां अधिक हैं।

कांग्रेस के बागी उम्मीदवार

कांग्रेस में पच्छाद से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, ठियोग से पूर्व विधायक दिवंगत राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा, पूर्व मंत्री दिवंगत जयबिहारी लाल खाची के बेटे विजय पाल खाची, सुलह से पूर्व विधायक जगजीवन पाल, चौपाल से पूर्व विधायक डॉ. सुभाष मंगलेट और आनी से परस राम निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। हालांकि भाजपा की तुलना में कांग्रेस में बागियों की संख्या कम है। ऐसे में कांग्रेस की चुनौतियां भी भाजपा से कम प्रतीत हो रही हैं, लेकिन जनता किसका साथ देती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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