हिमाचल कांग्रेस में बवाल, राजेंद्र राणा के बाद विधायक सुधीर शर्मा बोले- आत्मसम्मान से समझौता नहीं

धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर “आत्ममानस्य सम्मति: स्वभावस्यन्ता:” स्वाभिमान से समझौता यानी पहचान का अंत... पोस्ट किया है। इससे साफ है कि वह अब अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगे।
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हिमाचल कांग्रेस के दिग्गज नेता और सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा के बाद धर्मशाला से सुधीर शर्मा ने भी कांग्रेस सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर “आत्ममानस्य सम्मति: स्वभावस्यन्ता:” स्वाभिमान से समझौता यानी पहचान का अंत... पोस्ट किया है।  सुधीर शर्मा ने इस पोस्ट के जरिए अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं कि वह अब अपने स्वाभिमान से किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। राज्यसभा सीट के लिए चुनाव से पहले सुधीर के इस पोस्ट ने कांग्रेस सरकार में सियासी संग्राम छिड़ने जैसे संकेत दे दिए हैं। सुधीर शर्मा 4 रोज पहले ही मंत्री बनाए जाने के ऑफर को ठुकरा चुके हैं।

हिमाचल कांग्रेस के दिग्गज नेता और सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा के बाद धर्मशाला से सुधीर शर्मा ने भी कांग्रेस सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है। धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर “आत्ममानस्य सम्मति: स्वभावस्यन्ता:” स्वाभिमान से समझौता यानी पहचान का अंत... पोस्ट किया है।

सुधीर शर्मा ने इस पोस्ट के जरिए अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं कि वह अब अपने स्वाभिमान से किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे। राज्यसभा सीट के लिए चुनाव से पहले सुधीर के इस पोस्ट ने कांग्रेस सरकार में सियासी संग्राम छिड़ने जैसे संकेत दे दिए हैं। सुधीर शर्मा चार दिन पहले ही मंत्री बनाए जाने के ऑफर को ठुकरा चुके हैं। 


उन्होंने मीडिया के सवाल पर कहा कि अब उन्हें मंत्री बनाए जाने की बात चल रही है, लेकिन वह अब मंत्री नहीं बनेंगे। राज्य सरकार को 14 महीने का वक्त पूरा हो गया है। जब किसी व्यक्ति को भूख लगी होती है, तभी उसे खाना देना जरूरी होता है। पहले मंत्री रह चुके हैं, ऐसे में वह अब विधायक बनकर ही काम करते रहेंगे। 
 


 


वीरभद्र के करीबी रहे हैं दोनों दिग्गज

इससे पहले भी दोनों नाराज विधायक कई बार कांग्रेस सरकार को घेर चुके हैं। दरअसल, दोनों शुरू से ही मंत्री बनने के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। दोनों ही पूर्व CM वीरभद्र सिंह के करीबी रहे हैं। मगर, मौजूदा सरकार में सुखविंदर सुक्खू ने दोनों को ही मंत्री नहीं बनाया। सुधीर शर्मा वीरभद्र सिंह की सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे चुके हैं, जहबकि राजेंद्र राणा ने दो बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और वर्ष 2017 में तीसरी बार सीएम चेहरा घोषित किए गए प्रेम कुमार धूमल हो हराया था। 

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