सीएम सुक्खू ने पेश किया Economic Survey, हिमाचल में बेरोजगारी घटी, 16,411 रुपये बढ़ी प्रति व्यक्ति आय

वित्त वर्ष 2022-23 में 11.7 फीसदी की तुलना में 7.5 फीसदी आय बढ़ी है। हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 2023-24 के लिए अनुमानित राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 49,345 अधिक है।  

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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान विधान सभा में हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 को प्रस्तुत किया। हिमाचल प्रदेश के अनुसार हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ाेतरी हुई है। अग्रिम अनुमानों के अनुसार प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2022-23 के 2,18,788  के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-24 में 2,35,199 रहने का अनुमान है। यानी यह पिछले वित्त वर्ष से 16,411 रुपये बढ़ी है। वित्त वर्ष 2022-23 में 11.7 फीसदी की तुलना में 7.5 फीसदी आय बढ़ी है।  हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 2023-24 के लिए अनुमानित राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 49,345 अधिक है।

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान विधान सभा में हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 को प्रस्तुत किया। हिमाचल प्रदेश के अनुसार हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय में बढ़ाेतरी हुई है। अग्रिम अनुमानों के अनुसार प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2022-23 के 2,18,788  के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-24 में 2,35,199 रहने का अनुमान है। यानी यह पिछले वित्त वर्ष से 16,411 रुपये बढ़ी है। वित्त वर्ष 2022-23 में 11.7 फीसदी की तुलना में 7.5 फीसदी आय बढ़ी है।

हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 2023-24 के लिए अनुमानित राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 49,345 अधिक है।  राज्य की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 9,428 करोड़ से अधिक बढ़ने का अनुमान है। राज्य आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि 7.1 प्रतिशत होगी, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह 6.9 प्रतिशत थी।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या स्थिर कीमतों (2011-12) पर सकल घरेलू उत्पाद 1,42,800 करोड़ के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी का अनंतिम अनुमान 1,33,372 करोड़ था। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधानसभा सदन में हिमाचल प्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 को प्रस्तुत किया। इस दस्तावेज को आर्थिक और सांख्यिकी विभाग हिमाचल प्रदेश की ओर से तैयार किया गया है।


जीडीपी के 2,07,430 करोड़ के स्तर तक पहुंचने का अनुमान

वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रचलित भावों पर जीडीपी 2,07,430 करोड़ के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी का अनंतिम अनुमान के अनुसार 1,91,728 करोड़ है, जो कि 15,702 करोड़ की पूर्ण वृद्धि दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान जीडीपी में वृद्धि वित्तीय वर्ष 2022-23 के 114 प्रतिशत की तुलना में 8.2 प्रतिशत अनुमानित है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के अग्रिम अनुमान के अनुसार स्थिर कीमतों पर प्राथमिक क्षेत्र से सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वित्तीय वर्ष 2022-23 (प्रथम संशोधित अनुमान) में 17.417 करोड़ के मुकाबले 17,036 करोड़ होने की उम्मीद है।


हिमाचल में बेरोजगारी दर सबसे कम

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार हिमाचल प्रदेश के लिए श्रम बल भागीदारी दर सभी आयु वर्ग के लिए  61.3 प्रतिशत रही। यह उत्तराखंड (42.5), पंजाब (42.3), हरियाणा (36.3) और अखिल भारतीय (42.4 ) स्तर से अधिक है।  2022-23 में  प्रदेश के लिए सभी आयु वर्ग  के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात 58.6 प्रतिशत रहा, जोकि उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और अखिल भारतीय अनुपात से बेहतर है।  प्रदेश में 54.8 प्रतिशत महिलाएं पड़ोसी राज्यों व अखिल भारतीय स्तर की तुलना में आर्थिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं। पड़ोसी राज्यों में सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए सामान्य स्थिति के अंतर्गत बेरोजगारी से पता चलता है कि हिमाचल में बेरोजगारी दर सबसे कम 4.4 प्रतिशत है, जबकि उत्तराखंड में 4.5 प्रतिशत, पंजाब और हरियाणा में यह 6.1 प्रतिशत रही।

 
4.67 लाख लोग गरीबी से उभरे

हिमाचल प्रदेश में बहुआयामी गरीबी दर 2013-14 में 10.14 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 3.88 प्रतिशत हो गई और इस अवधि के दौरान लगभग 4.67 लाख लोग गरीबी से उभरे हैं। राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) पर हाल ही में जारी रिपोर्ट राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (2015-16) और 5 (2019-21) पर आधारित है।


चालू वित्तीय वर्ष के दौरान हिमाचल प्रदेश में मुद्रास्फीति की दर मध्यम

मुद्रास्फीति वित्तीय वर्ष 2022-23 के अप्रैल से दिसंबर तक राज्य स्तर पर थोक मूल्य मुद्रास्फीति 11.6 प्रतिशत से गिरकर -1.1 प्रतिशत हो गई। उपभोक्ता मूल्य संबंधित सूचकांकों में उतार-चढ़ाव 1.9 से 5.1 प्रतिशत के बीच रहा। चालू वित्तीय वर्ष के दौरान हिमाचल प्रदेश में मुद्रास्फीति की दर मध्यम रही है। दिसंबर 2023 (अनंतिम) में संयुक्त उपभोक्ता मूल्य संचकांक 5.1 प्रतिशत है और यह आरबीआई की सहनशीलता सीमा के भीतर है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के अग्रिम अनुमान के अनुसार द्वितीयक क्षेत्र का सकल मूल्य वर्धित वित्तीय वर्ष 2022-23 के 58,039 करोड़ के मुकाबले 63,424 करोड़ होने का अनुमान है।

इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज होने का अनुमान है। द्वितीयक क्षेत्र में मोटे तौर पर विनिर्माण (संगठित और गैर-संगठित), बिजली, गैस और जल आपूर्ति और निर्माण शामिल हैं। राज्य सकल मूल्य वर्धन में सेवा क्षेत्र की महत्वपूर्ण और तेजी से बढ़ती हिस्सेदारी है। सेवा क्षेत्र में व्यापार, होटल और रेस्तरां अन्य साधनों और भंडारण द्वारा परिवहन, रेलवे, संचार और बैंकिंग और बीमा, रियल एस्टेट, आवास और व्यावसायिक सेवाओं का स्वामित्व, लोक प्रशासन और अन्य क्षेत्र शामिल हैं। अनुमानों के अनुसार सेवा क्षेत्र के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 54,253 करोड़ होने का अनुमान है, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह 50,520 करोड़ था। यह पिछले वर्ष की तुलना में 74 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।
 

क्या है आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 राज्य की अर्थव्यवस्था की चुनौतियों, अवसरों, रणनीतियों और क्षेत्रीय प्रदर्शन के व्यापक विश्लेषण के साथ एक व्यापक तस्वीर प्रदान करता है। यह नई नीतिगत पहलों के साथ-साथ विकास योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के संदर्भ में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों और उन पर सरकार की प्रतिक्रियाओं का व्यापक मूल्यांकन प्रस्तुत करता है। यह रिपोर्ट राज्य की अर्थव्यवस्था के व्यापक दृष्टिकोण, राजकोषीय प्रदर्शन और राज्य की अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति को प्रदर्शित करती है। 2023 के मानसून महीनों में भारी बारिश  और बाद से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य की आर्थिक वृद्धि और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए अथक और सामरिक प्रयास किए हैं। सरकार ने राज्य की आर्थिक खुशहाली को बनाए रखने और विभिन्न योजनाओं और कल्याणकारी उपायों के माध्यम से कमजोर वर्गों तक पहुंचने के सशक्त प्रयास किए हैं।

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