कुठेड-गरोला में हाइड्रो प्रोजेक्ट की ब्लास्टिंग घरों में बरपाने लगी कहर

गरोला। भरमौर उपमंडल में रावी नदी पर निर्माणाधीन कुठेड़ हाईड्रो प्रोजेक्ट (HYDRO PROJECT) लोगों के घरों पर कहर (HOUSE DAMAGED) बरपाने लगा है। कुठेड से लेकर गरोला तक हाईड्रो प्रोजेक्ट (HYDRO PROJECT) की साइट के साथ लगते घरों में दरारें (HOUSE DAMAGED) आ गई हैं। यह दरारें निर्माण के दौरान की जा रही ब्लास्टिंग के
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कुठेड-गरोला में हाइड्रो प्रोजेक्ट की ब्लास्टिंग घरों में बरपाने लगी कहर

गरोला। भरमौर उपमंडल में रावी नदी पर निर्माणाधीन कुठेड़ हाईड्रो प्रोजेक्ट (HYDRO PROJECT) लोगों के घरों पर कहर (HOUSE DAMAGED) बरपाने लगा है। कुठेड से लेकर गरोला तक हाईड्रो प्रोजेक्ट (HYDRO PROJECT) की साइट के साथ लगते घरों में दरारें (HOUSE DAMAGED) आ गई हैं। यह दरारें निर्माण के दौरान की जा रही ब्लास्टिंग के कारण आ रही हैं। लोगों का आरोप है कि ब्लास्टिंग में अधिक विस्फोटक का उपयोग किया जा रहा है। इससे घरों को खतरा पैदा गया है। रावी नदी पर जेएसडब्लयू कंपनी 240 मैगावाट के कुठेड़ हाईड्रो प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य कर रही है। कंपनी ने ये काम एंजलिक और भूमि कंपनी को सौंपा है।

 

हालात यह है कि ब्लास्टिंग के धमाके के साथ ही मकान भूकंप आने की तरह हिलने लगते है। नतीजतन ग्रामीण अपने घरों के भीतर जाने से भी कतरा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी प्रबंधन और प्रशासन को चेताया भी गया था, लेकिन उनकी सुनवाई तक नहीं हुई। लिहाजा मनमाने ढंग से की जा रही ब्लास्टिंग का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

कुठेड-गरोला में हाइड्रो प्रोजेक्ट की ब्लास्टिंग घरों में बरपाने लगी कहर

… तो काम करवाया जाएगा बंद

कुठेड गांव की आशा देवी ने नायब तहसीलदार को पत्र भी लिखा है। आशा देवी ने कहा कि ब्लास्टिंग के कारण उसका पूरा घर क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने नायब तहसीलदार से मौका करने का भी आह्वान किया है। उसने प्रशासन से मांग की है कि उसे मुआवजा दिलाया जाए। साथ ही जब तक कंपनी मुआवजा नहीं देती काम बंद करवाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी मांगें नहीं मानती है तो काम बंद करवा दिया जाएगा। इसके कंपनी ही जिम्मेदार होगी।

घर में रहना खतरे से खाली नहीं

गरोला निवासी भूरा सिंह ने कहा कि ब्लास्टिंग के धमाकों के कारण उसका घर भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इस संबंध में कंपनी के पदाधिकारियों को भी अवगत करवा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि धमाके के कारण घर का सामान भी इधर-उधर गिरता रहा है। उसने कहा कि उसे घर की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। अब घर में रहना किसी खतरे से खाली नहीं हैं।

कुठेड-गरोला में हाइड्रो प्रोजेक्ट की ब्लास्टिंग घरों में बरपाने लगी कहर

पीड़ितों को नहीं मिली कोई मदद

राजेंद्र कुमार का कहना है कि घरों की सुरक्षा को लेकर गुहार लगा चुके हैं। आज तक झूठे आश्वासनों के सिवाय कुछ भी नहीं मिला0 है। कंपनी की ओर से महज एक साल पहले वीडियोग्राफी करवाई है। लोगों ने बताया कि इस संबंध में नायब तहसीलदार को भी अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई भी कारवाई अमल में नहीं लाई जा सकी है।

कुठेड में दोनों पक्षों की मौजूदगी में घर का जायजा लिया गया है। कंपनी ने एक माह के अंदर घर की मरम्मत करने की बात कही है। अगर एक महीने में कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो प्रशासन आगामी कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। -टीआर ठाकुर, नायब तहसीलदार, होली 

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