जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को राहत, हिमाचल सरकार ने अंतर जिला तबादलों से रोक हटाई

Himachal News : हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के लगभग 45 हजार जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। हिमाचल सरकार ने शिक्षकों की अंतर जिला स्थानांतरण पर लगी रोक को हटा दिया है।
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हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के लगभग 45 हजार जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। हिमाचल सरकार ने शिक्षकों की अंतर जिला स्थानांतरण पर लगी रोक को हटा दिया है। सरकार के इस फैसले से हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे 25 हजार जेबीटी और 18 हजार सीएंडवी शिक्षकों को लाभ मिलेगा। शिक्षकों के सेवाकाल में सिर्फ एक बार अंतर जिला स्थानांतरण करने पर लगी रोक हटाई है। 

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के लगभग 45 हजार जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। हिमाचल सरकार ने शिक्षकों की अंतर जिला स्थानांतरण पर लगी रोक को हटा दिया है। सरकार के इस फैसले से हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे 25 हजार जेबीटी और 18 हजार सीएंडवी शिक्षकों को लाभ मिलेगा। शिक्षकों के सेवाकाल में सिर्फ एक बार अंतर जिला स्थानांतरण करने पर लगी रोक हटाई है। 

पूर्व की जयराम सरकार ने 20 नवंबर 2021 को अधिसूचना जारी कर यह रोक लगाई गई थी। उस वक्त नवंबर के दौरान बड़ी संख्या में तबादलों के आवेदन आने के चलते कुछ समय के लिए जयराम सरकार ने रोक लगाई गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एक वर्ष में शिक्षकों की दोनों श्रेणियों की जिलावार कैडर संख्या का सिर्फ पांच प्रतिशत स्थानांतरण करने को मंजूरी दे दी गई है। 


सरकार ने अनुबंध सेवाकाल को जोड़कर पांच वर्ष सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को अंतर जिला स्थानांतरण के लिए पात्र बनाया है। शादी होने पर जिला बदलने की सूरत में महिला अध्यापकों को न्यूनतम सेवाकाल की शर्त से छूट दी गई है। पहले जेबीटी और सीएंडवी शिक्षकों के 13 वर्ष का सेवाकाल पूरा होने पर दूसरे जिलों में तबादले होते थे। इस अवधि को घटाकर पांच वर्ष कर दिया गया है। 


इसके अलावा जेबीटी और सीएंडवी संवर्ग के 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले अध्यापकों को एक से दूसरे जिले में स्थानांतरण नीति में कोई न्यूनतम समय अवधि निर्धारित नहीं की है। विशेष परिस्थितियों में 5 वर्ष से कम सेवाकाल के अध्यापकों के मामलों में केवल चिकित्सा आधार पर छूट देने का फैसला हुआ है। अंतर जिला नीति के तहत स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकों को अपने प्रार्थना पत्र संबंधित जिले के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के कार्यालय में जमा करवाने होंगे।

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