पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का निधन, अढाई महीने से थे उपचाराधीन

शिमला। हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का वीरवार तड़के निधन हो गया। वीरभद्र सिंह ने सुबह 3.40 बजे अंतिम सांस ली। दूसरी बार कोरोना संक्रमण की चपेट में पॉजिटिव आने के बाद उन्हें आईजीएमसी शिमला में भर्ती किया गया था। वहां उनका करीब ढाई महीने तक उपचार चलता
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पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का निधन, अढाई महीने से थे उपचाराधीन

शिमला। हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह का वीरवार तड़के निधन हो गया। वीरभद्र सिंह ने सुबह 3.40 बजे अंतिम सांस ली। दूसरी बार कोरोना संक्रमण की चपेट में पॉजिटिव आने के बाद उन्हें आईजीएमसी शिमला में भर्ती किया गया था। वहां उनका करीब ढाई महीने तक उपचार चलता रहा, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। हिमाचल में सबसे ज्यादा बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के निधन से प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।

जानकारी के अनुसार करीब ढाई महीने से आईजीएमसी में दाखिल थे। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। सोमवार को अचानक तबीयत खराब होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर में शिफ्ट कर दिया था। वह लगातार बेहोशी की हालत में थे और चिकित्सक उनका उपचार कर रहे थे। मगर वीरवार सुबह 3:40 बजे उनकी मौत हो गई। आईजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने उनकी मौत की पुष्टि की है। इसके बाद पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।

वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पद्म सिंह के घर में हुआ था। पंडित नेहरू राजा वीरभद्र सिंह को राजनीति में लाए थे। पहली बार 1962 में लोकसभा सांसद चुने गए। उसके बाद 1967, 1971, 1980 और 2009 में भी सांसद रहे। वीरभद्र वर्ष 1983 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में कुछ दिन तक तीसरी बार, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 तक हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे।

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आजादी के बाद राजाओं की रियासतों को देश में मिला लिया गया था। पंडित जवाहर लाल नेहरू उन्हें राजनीति में लाए थे। उन्होंने पहली बार महासू लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस बात को वीरभद्र सिंह बार-बार दोहराते थे। अभी वीरभद्र सिंह अर्की से विधायक थे। केंद्र सरकार में रहते हुए वह केंद्रीय इस्पात मंत्रालय संभाल चुके हैं। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय भी उनके पास रहा।

 

वीरभद्र सिंह के निधन पर नेताओं ने जताया शोक

राजा वीरभद्र के निधन पर प्रदेश की आम जनता के साथ तमाम राजनेताओं ने शोक प्रकट किया है। सोशल मीडिया पर लोक उन्हें लगातार श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वीरभद्र सिंह का निधन में एक युग का अंत है। वह ऐसे नेता थे, जिनकी पक्ष-विपक्ष में एक-बार मान्यता थी।

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