कर्मचारी को पेंशन चाहिए तो नौकरी छोड़ चुनाव लड़ें और हकदार बन जाएं

मुख्यमंत्री ने विधायकों के आवास और यात्रा भत्ते बढ़ाने की बात को सदन में खारिज करते हुए कहा कि विधायकों के संस्थान के खिलाफ इस प्रकार का व्यवहार करना गलत है।
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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला (Shimla) में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (CM Jai Ram Thakur) ने शुक्रवार को 2022-23 के लिए विधानसभा में बजट पेश करते हुए विधायक क्षेत्र विकास निधि वर्तमान की 1.80 करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने की घोषणा की। वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इस सरकार का पांचवां और अंतिम बजट पेश किया। 

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कड़े तेवर में दिखे। उन्होंने कर्मचारियों की पेंशन की मांग को लेकर अजीबोगरीब बात कह दी। उन्होंने कहा कि भत्ते बढ़ाने की गलत सूचना पर कुछ लोग इस प्रकार के कमेंट लिख रहे हैं कि जब कर्मचारियों को पेंशन नहीं तो विधायकों को क्यों। इस पर सीएम ने कहा कि ऐसे कर्मचारी नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ें और पेंशन के हकदार बन जाएं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कई बार बड़ी सीधी बात कह देते हैं। उन्होंने विधायकों के आवास और यात्रा भत्ते बढ़ाने की बात को सदन में खारिज करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि विधायकों के संस्थान के खिलाफ इस प्रकार का व्यवहार करना गलत है। उन्होंने कहा कि विधायकों के इस भत्ते को आगाज से चार वर्ष पहले बढ़ाया था। गौर हो कि बजट सत्र के दौरान प्रदेश भर में कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के लिए खूब हल्ला मचाया था।

प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत विधायकों के भत्ते बढ़ाने संबंधित मामला उठाया। उन्होंने कहा कि विधायकों के भत्ते बढ़ाए जाने की बात से जनता के बीच में फजीहत हो रही है। सैर-सपाटे के लिए राशि बढ़ाने की बात से लोगों के बीच विधायकों की छवि खराब की जा रही है। जानबूझकर सनसनी फैलाई जा रही है। 

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में कड़ा संज्ञान लेकर कार्रवाई करने और मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। डलहौजी से कांग्रेस की विधायक आशा कुमारी ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने व्यवस्था दी कि यह चिंता का विषय है। इस मामले में संज्ञान लिया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी। 


होटल में वास्तविक खर्च पर ही ठहरेंगे विधायक : जयराम 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों को इलाज व अन्य संबंधित कार्यों के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ जाना होता है। कई बार सरकारी आवासों में कमरे नहीं मिलते हैं। ऐसे में विधायकों को निजी होटल में ठहरने के लिए 7500 रुपये तक के व्यय की व्यवस्था थी। यह अब वास्तविक होगी। यानी अब इसमें यह सीमा नहीं होगी। फाइव स्टार होटल में तो 5000 रुपये तक में भी कमरा मिल जाता है।

यात्रा के लिए वार्षिक व्यय की सीमा को पहले से ही अढ़ाई लाख से चार लाख रुपये किया गया है। इसमें हाल ही में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि अधिकांश विधायकों ने यह पैसा खर्च भी नहीं किया है। सीएम ने कहा-हमने सारा डाटा निकाला है, 90 फीसदी पैसा खर्च ही नहीं होता है। यह सरकार के पास रहता है। 

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