हिमाचल से सटी सीमा पर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर मजबूत कर रहा चीन, जानें पूरा मामला

गलवान घाटी में भारत से उलझ चुका पड़ोसी देश चीन अब हिमाचल से सटे तिब्बत की सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। हिमाचल को भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) ने चीन से सचेत रहने को कहा है। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने भी
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हिमाचल से सटी सीमा पर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर मजबूत कर रहा चीन, जानें पूरा मामला

गलवान घाटी में भारत से उलझ चुका पड़ोसी देश चीन अब हिमाचल से सटे तिब्‍बत की सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर) को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। हिमाचल को भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) ने चीन से सचेत रहने को कहा है। हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने भी तिब्‍बत की सीमा पर चीन द्वारा अपने बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर) को मजबूत करने की कोशिशों की पुष्टि की है।

 

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया कि यह सच है कि चीन तिब्बत से सटे हमारे सीमा क्षेत्र में अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। हम केंद्र सरकार को इसकी जानकारी देंगे। उन्होंने (चीन) हमारे से अधिक ऊंचाई पर सड़क मार्ग से कुछ निगरानी गतिविधियां भी शुरू की हैं। जयराम ठाकुर ने हाल ही में सीमा के सटे क्षेत्र में भी पहुंचे थे।

 

 

बताया जा रहा है कि सीमा के उस पार सड़क नेटवर्क को एक साल से युद्धस्तर पर मजबूत किया जा रहा है। सारी निर्माण गतिविधियां चीन के क्षेत्र में हो रही हैं, लेकिन देश के सुरक्षा बल, खुफिया एजेंसियां इसे खतरनाक संकेत मान रही हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस संबंध में रिपोर्ट जल्द ही केंद्र सरकार को सौपेंगे। इसमें सभी पहलुओं का जिक्र होगा। इसमें हिमाचल के क्षेत्रों में सड़क, संचार नेटवर्क को और मजबूत करने का भी आग्रह किया जा सकता है। यह रिपोर्ट गृह व रक्षा मंत्रालय दोनों को भेजी जाएगी।

 

ठाकुर ने किया सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को समदो का अचानक दौरा किया था। वह लाहुल के समदो के पास तक हेलीकाप्टर से पहुंचे। फिर वहां से लापचा तक सड़क मार्ग से गए। यह भारत की अग्रिम सीमा चौकी है। इससे आगे तिब्बत की सीमा शुरू होती है। जयराम ठाकुर को पिछले साल भी सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा करना था, लेकिन पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच संघर्ष के कारण इसे रद करना पड़ा था।

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