हिमाचल में जल शक्ति विभाग में 30 हजार पद रिक्त, बजट में 4000 भरने की घोषणा

RNN DESK। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय हिमाचल का विशेष राज्य का दर्जा छीना गया था। वर्तमान में केंद्र की मोदी सरकार ने हिमाचल को विशेष श्रेणी के राज्यों में रखकर प्रत्येक केंद्रीय योजनाओं में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 90:10 की रखी है। हिमाचल में
 | 
हिमाचल में जल शक्ति विभाग में 30 हजार पद रिक्त, बजट में 4000 भरने की घोषणा

RNN DESK। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय हिमाचल का विशेष राज्य का दर्जा छीना गया था। वर्तमान में केंद्र की मोदी सरकार ने हिमाचल को विशेष श्रेणी के राज्यों में रखकर प्रत्येक केंद्रीय योजनाओं में केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 90:10 की रखी है। हिमाचल में जल जीवन मिशन में भी केंद्र और राज्य की भागीदारी 90 अनुपात 10 की है।

 

उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में सभी विधानसभा क्षेत्रों को बराबर धनराशि नहीं दी जा सकती, क्योंकि कुछ क्षेत्र छोटे हैं और कई क्षेत्र दुर्गम और बिखरे हुए हैं। जल शक्ति विभाग में विभिन्न श्रेणी के 30 हजार पद रिक्त और 4000 भरेंगे। पूर्व सरकार ने डाइंग कैडर में 17 हजार पदों को डाल दिया था। जल रक्षकों को 750 में आपने लगाया और हमने इसे 1700 से 3600 मानदेय किया। इसके साथ ही सिंचाई, जलापूर्ति और सफाई पर लाया  कटौती प्रस्ताव सदन में गिरा दिया।

 

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित विपक्ष के सदस्यों ने सिंचाई, जलापूर्ति और सफाई पर कटौती प्रस्ताव लाया था। नेता प्रतिपक्ष कहते रहे कि मंत्री से पूछा जा रहा है कि जल जीवन मिशन में कितनी धनराशि सरकार को मिली है। इस सवाल का जवाब नहीं दिया जा रहा। धर्मपुर और सराज क्षेत्र में मिशन के तहत सबसे ज्यादा धनराशि खर्च की है। विधायक हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पाइपों का वितरण बाद में किया जाए। जमीन के नीचे पाइप सही तरीके से नहीं दबाए जा रहे। शिलाई के लिए बड़ी पेयजल योजना की जरूरत है।

आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बने

विधायक नंद लाल ने कहा कि गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे और स्टाफ की कमी है। लखविंद्र राणा ने कहा कि योजनाओं की मरम्मत के लिए बजट प्रावधान किया जाए। हैंडपंप लगाए जाएं और बाढ़ नियंत्रण पर काम करें। राजेंद्र राणा ने कहा कि आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बने। माकपा विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि स्रोतों से सीधे लोगों को पानी की आपूर्ति न की जाए। इन आदेशों का उल्लंघन हो रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा था कि जल शक्ति विभाग के अधिकारी योजनाओं का निरीक्षण करेंगे परंतु यह भी नहीं हो रहा। बिजली और जल शक्ति विभाग में तालमेल नहीं रहता।

 

कटौती प्रस्ताव विपक्ष की संजीवनी

मंत्री ने कहा कि कटौती प्रस्ताव विपक्ष की संजीवनी होता है। जल जीवन मिशन का कार्य केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। पाइपें बिछाना प्राथमिकता है। फिर नलके और टैंक बनाने का काम किया जाता है। केंद्र से हिमाचल को मिशन के तहत अच्छा काम करने पर प्रोत्साहन राशि मिली है। वर्ष 2019- 20 में 222. 35 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 990 करोड़ केंद्र से मिले हैं। पूर्व सरकार ने जिला शिमला की एक स्कीम पर 105 करोड़ व्यय कर दिए जबकि हम सभी क्षेत्रों को धनराशि दे रहे हैं। सीवरेज, लघु सिंचाई योजनाओं मरम्मत पर भी खर्च कर रहे हैं। विदेशी वित्तीय मदद से भी योजनाएं को करोड़ों की राशि दिलाई है। एडीबी से 187 स्कीमें मंजूर कराई हैं।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।