टिकट न मिलने पर भाजपा नेता चेतन का छलका दर्द, बोले-घर क्या मुंह लेकर जाऊंगा

शिमला की जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट से महिला नेत्री नीलम सरैइक को भाजपा उम्मीदवार बनाने का पार्टी में विरोध होना शुरू हो गया। 

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 Chetan Bragta

शिमला। शिमला की जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट से महिला नेत्री नीलम सरैइक को भाजपा उम्मीदवार बनाने का पार्टी में विरोध होना शुरू हो गया। चुनाव के लिए पूर्व विधायक के पुत्र चेतन बरागटा टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। मगर पार्टी की टिकट न मिलने पर वीरवार को उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ी है। चेतन ने पार्टी नेतृत्व पर गुम्मा में जनसभा कर जमकर निशाना साधा। दरअसल, विधायक नरेंद्र बरागटा के निधन के कारण रिक्त हुई इस सीट पर उनके बेटे और भाजपा नेता चेतन बरागटा टिकट के प्रबल दावेदार थे। वे पिछले कई दिनों से जुब्बल-कोटखाई में चुनाव प्रचार में जुटे थे लेकिन भाजपा ने उन्हें नजरंदाज कर नीलम सरैइ को उम्मीदवार बनाया है।


वीरवार को जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में चेतन बरागटा ने समर्थकों की जनसभा को किया। बरागटा ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के निर्णय से मुझे पीड़ा हुई है, पार्टी को उम्मीदवारों के चयन का अधिकार है। ऐसा करने का एक तरीका होता है। मगर जिस तरह से ऐसा किया गया, उससे ऐसा लगा कि मुझे बेगाना समझकर खारिज कर दिया, जैसे मेरी कोई अहमियत नहीं है। चेतन बरागटा ने प्रदेश नेतृत्व पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि कोई मेरा दोष तो बता देते ? मेरी गलती क्या है? उन्होंने आरोप लगाया कि उनके राजनीतिक कैरियर को खत्म करने की कोशिश की गई है।


चेतन बरागटा ने लगभग रोते हुए समर्थकों से कहा कि उन्होंने 15 साल तक संगठन में काम किया है। पिता के स्वर्गवास होने के 15 दिन बाद प्रदेश नेतृत्व ने ही उन्हें उपचुनाव के लिए फील्ड में जाने के आदेश दिया था। अब प्रदेश नेतृत्व बताए कि किस आधार उन्हें टिकट से नजरअंदाज किया गया है। चेतन ने कहा कि मुझे तो खत्म ही कर दिया गया। अब मैं अपने घर क्या मुंह लेकर जाऊंगा? अपनी मां को क्या बताऊंगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिसे जुब्बल कोटखाई से उम्मीदवार बनाया है, वो पार्टी की पदाधिकारी भी नहीं रहीं और पिछले चुनावों में उसने पार्टी को नुकसान पहुंचाने का ही काम किया है। 

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