हिमाचल में शिक्षा व्यवस्था की मजबूती पर खर्चे किए जाएंगे 650 करोड़
मण्डी। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने में हिमाचल देशभर में अग्रणी है। नई शिक्षा नीति भारत को ज्ञान की, शिक्षा क्षेत्र की महाशक्ति बनाने को समर्पित है। उन्होंने सभी से पूरे समाज को साथ लेकर, सबकी सहभागिता सुनिश्चित बनाते हुए भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए समर्पित प्रयास करने का आग्रह किया। शिक्षा मंत्री ने वीरवार को हिमाचल समग्र शिक्षा राज्य परियोजना की ओर से डाइट मंडी के तत्वावधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति संवाद एवं हितधारकों से परामर्श को लेकर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए स्टार्स प्रोजेक्ट मंजूर किया है। विश्व बैंक के सौजन्य से चलने वाले इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल में नई राष्ट्रीय नीति 2020 को धरातल पर उतारनेके लिए 650 करोड़ रुपए खर्चे जाएंगे। इसके तहत प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर परामर्श कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। जब सभी जिलों में ये कार्यशालाएं संपन्न कर ली जाएंगी, तो अंत में इनमें आए सारे सुझावों पर पूरी गम्भीरता से एक बार फिर चर्चा की जाएगी। इसके बाद शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने की निर्णायक कार्ययोजना बनाई जाएगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति संवाद एवं हितधारकों से परामर्श को लेकर आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में सभी हितधारकों को 10 समूहों में बांटा गया। जिन्होंने स्कूली शिक्षा के 10 विषयों पर चर्चा परिचर्चा करके अपने सुझाव प्रस्तुत किए। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने हितकारकों द्वारा दिए गए सुझावों को गौर से सुना और उनके क्रियान्वयन के अपने संकल्प को दोहराया। कार्यशाला में शामिल रहे अभिभावकों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और डाइट के विद्यार्थियों ने भी अपने अनुभव साझा किए।
गोविंद ठाकुर ने मण्डी शिक्षा विभाग और शिक्षाविदों से इसके बाद खंडस्तर पर भी इस प्रकार की कार्यशालाओं की श्रृंखला आयोजित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ी को कैसा भारत देना है, यह तय करके हमें अपने सारे प्रयास उसी दिशा में लगाने की जरूरत है। उन्होंने पूरे उत्साह से कार्यशाला में भाग लेने के लिए सभी प्रतिभागियों की सराहना की।
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