देश में आज से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून, 20 प्वाइंट में समझें क्या खास है
डिजिटल टीम। देशभर में आज रात 12 बजे से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। 51 साल पुराने सीआरपीसी (CRPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) ने ले ली है। भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय अधिनियम (BNS) लेगा और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) के प्रावधान लागू हो गए हैं। महिलाओं से जुड़े ज्यादातर अपराधों में पहले से ज्यादा सजा मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक सूचना से भी FIR दर्ज हो सकेगी। कम्युनिटी सेवा जैसे प्रावधान भी लागू हो गए हैं। 20 प्वाइंट में जानिए तीनों नए कानूनों में क्या खास है...
1. कौन से कानून बदले गए हैं?
- भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) लागू होगा।
- दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लागू होगा।
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम (आईईए) की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) लागू होगा।
2. इन कानूनों का प्रभाव कब से होगा?
- 1 जुलाई 2024 से पहले दर्ज हुए मामलों पर पुराने कानून ही लागू होंगे।
- 1 जुलाई 2024 से बाद दर्ज मामलों पर नए कानून लागू होंगे।
3. इन कानूनों में क्या-क्या बदलाव हुए हैं?
- BNSS में:
- कुल 531 धाराएं हैं, जिसमें 177 में संशोधन, 14 हटाए गए और 9 नए शामिल किए गए हैं।
- पुलिस को हिरासत में लिए गए व्यक्ति के परिवार को लिखित रूप में सूचित करना होगा।
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए 36 धाराएं हैं।
- रेप के लिए अधिकतम आजीवन कारावास और न्यूनतम 10 साल कैद का प्रावधान है।
- 12 साल से कम उम्र की बच्ची के साथ रेप पर 20 साल की सजा, आजीवन कारावास या मृत्युदंड हो सकता है।
- BNS में:
- कुल 357 धाराएं हैं, जबकि आईपीसी में 511 थीं।
- छोटे-मोटे अपराधों के लिए सामुदायिक सेवा का प्रावधान है।
- आत्महत्या का प्रयास, अवैध व्यापार, चोरी, सार्वजनिक नशा और मानहानि जैसे मामलों में यह लागू होगा।
- BSA में:
- कुल 170 धाराएं हैं, जिसमें 6 हटाए गए, 2 नए और 6 उप-धाराएं शामिल की गई हैं।
- ऑडियो-वीडियो साक्ष्य और फॉरेंसिक जांच पर अधिक ध्यान दिया जाएगा।
4. अन्य महत्वपूर्ण बदलाव:
- ई-एफआईआर: अब कोई भी नागरिक इलेक्ट्रॉनिक रूप से एफआईआर दर्ज करा सकता है।
- जल्द फैसला: 90 दिनों के अंदर चार्जशीट और 60 दिनों के अंदर आरोप तय करने का प्रावधान है।
- 30 दिन में फैसला: सुनवाई पूरी होने के 30 दिनों के अंदर फैसला सुनाया जाएगा।
- पीड़ित को अपडेट: पीड़ित को एसएमएस के जरिए हर अपडेट दिया जाएगा।
- गवाहों की सुरक्षा: गवाहों की सुरक्षा के लिए प्रावधान किए गए हैं।
- मॉब लिंचिंग: मॉब लिंचिंग अपराध होगा और 7 साल से उम्रकैद या फांसी की सजा हो सकती है।
नोट: यह केवल 20 मुख्य बिंदुओं का सारांश है। अधिक जानकारी के लिए, कृपया नए कानूनों की पूरी प्रतियां देखें।
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