कश्मीर हमारा अभिन्न अंग, PoK खाली करे पाकिस्तान; UN में भारत ने जमकर लताड़ा
वेब डेस्क। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने भाषण में कश्मीर का राग अलापा है। भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान को जमकर लताड़ा है। जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे में जो भारतीय क्षेत्र हैं, उन्हें खाली करना चाहिए और सीमा पार आतंकवाद को रोकना चाहिए।
उन्होंने पाकिस्तान से कहा कि वह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ मानवाधिकारों का उल्लंघन भी रोके। पेटल गहलोत ने कहा कि दक्षिण एशिया में शांति के लिए पाकिस्तान को तीन कदम उठाने की जरूरत है। पहला, सीमा पार आतंकवाद को रोकना और अपने आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को तुरंत खत्म करना चाहिए। दूसरा, अपने अवैध और जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों को खाली करना। तीसरा, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ गंभीर और लगातार हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोके।
India's strong stance at the UN reaffirms that the Kashmir issue is an internal matter and that Pákistan's attempts to internationalize it are baseless.
— Fatima Dar (@FatimaDar_jk) September 23, 2023
It's time for Pákistan to address its own human rights abuses in Balochistan and POK instead of deflecting attention pic.twitter.com/7RN3Uvbt7q
कश्मीर पर बोलने का पाकिस्तान को हक नहीं
भारतीय राजनयिक ने दोहराया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ लद्दाख भी भारत के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने. कहा कि पाकिस्तान को भारत के घरेलू मामलों पर बयान देने का कोई अधिकार नहीं है। दुनिया के सबसे खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देश को अपना घर ठीक करना चाहिए। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक और महिलाओं के अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है।''
ध्यान भटकाने के लिए पाक अलापता है कश्मीर राग
गहलोत ने कहा कि जब भारत के खिलाफ आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करने के लिए इस प्रतिष्ठित मंच का दुरुपयोग करने की बात आती है तो पाकिस्तान एक आदतन अपराधी बन गया है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश और अन्य बहुपक्षीय संगठन अच्छी तरह से जानते हैं कि पाकिस्तान ध्यान भटकाने के लिए ऐसा करता है।
पाकिस्तान आतंकवादियों का घर
गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संस्थाओं और आतंकियों का सबसे बड़ा घर और संरक्षक है। तकनीकी कुतर्क में उलझने के बजाय, हम पाकिस्तान से मुंबई आतंकवादी हमलों के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं। 15 साल बाद भी मुंबई हमले के पीड़ित न्याय का इंतजार कर रहे हैं।
भारत ने सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन पर बार-बार चिंता जताई है। भारत ने कहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। भारत ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान के समर्थन के सबूत भी दिए हैं। हालांकि, पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर पर अवैध कब्जे का राग अलापा।...............
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