इंडिगो उड़ान संकट: 1000+ उड़ानें रद्द, CEO की माफी, क्या हैं यात्रियों के कानूनी अधिकार ?
पिछले 72 घंटों से इंडिगो एयरलाइंस (IndiGo Airlines) देशभर में एक अभूतपूर्व परिचालन संकट (Operational Crisis) का सामना कर रही है। खराब मौसम, पायलट्स की कमी और तकनीकी गड़बड़ियों के मिले-जुले प्रभाव के कारण दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर 1000 से अधिक उड़ानें रद्द या अत्यधिक विलंबित हुई हैं।
इस संकट ने हजारों यात्रियों को हवाई अड्डों पर फंसा दिया है, जिससे देश के सबसे बड़े निजी वाहक की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। यात्रियों के आक्रोश और सोशल मीडिया पर #IndiGoChaos की व्यापक आलोचना के बाद सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को तत्काल हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
सीईओ की प्रतिक्रिया: क्या महज एक 'माफी' काफी है?
बढ़ते सार्वजनिक आक्रोश के बीच इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) पीटर एल्बर्स ने शुक्रवार को एक सार्वजनिक बयान जारी किया। उन्होंने यात्रियों को हुई असुविधा के लिए क्षमा याचना की और इस संकट के लिए अप्रत्याशित खराब मौसम और कर्मचारियों की 'अतिरिक्त छुट्टी' लेने के पैटर्न को जिम्मेदार ठहराया।
सीईओ का बयान :-
"हम समझते हैं कि इस अनियोजित देरी और रद्दीकरण ने आपकी यात्रा योजनाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। हम अपनी टीमों को 24/7 काम पर लगाकर सामान्य परिचालन बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ईमानदारी से खेद व्यक्त करते हैं।"
हालांकि, यात्रियों के समूहों और उपभोक्ता अधिकार संगठनों ने इस माफी को नाकाफी बताया है। उनका तर्क है कि एयरलाइन को केवल मौसम पर दोष मढ़ने के बजाय, अपनी कमजोर बैकअप योजनाओं और कर्मचारी प्रबंधन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
DGCA का हस्तक्षेप और संभावित दंड
इस गंभीर स्थिति पर संज्ञान लेते हुए DGCA ने इंडिगो को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया है। नियामक संस्था ने एयरलाइन के प्रबंधन से यह स्पष्ट करने को कहा है कि उसने अचानक बढ़े हुए परिचालन दबाव को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए थे।
DGCA ने इंडिगो से रद्द की गई उड़ानों का विस्तृत ब्यौरा और यात्रियों को प्रदान किए गए मुआवजे का विवरण 48 घंटों के भीतर मांगा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इंडिगो DGCA के मानदंडों का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो एयरलाइन पर भारी वित्तीय दंड लगाया जा सकता है और उसके कुछ उड़ान स्लॉट (Slots) भी अस्थायी रूप से छीने जा सकते हैं।
आपके अधिकार: यात्री को क्या मिलना चाहिए?
किसी भी भारतीय एयरलाइन (IndiGo सहित) द्वारा उड़ान रद्द या विलंबित किए जाने की स्थिति में, DGCA के नागरिक चार्टर के तहत यात्रियों के पास स्पष्ट कानूनी अधिकार होते हैं। यात्रियों को इन अधिकारों को जानना आवश्यक है:
विलंब (Delay) की स्थिति में:
| विलंब की अवधि |
यात्रियों का अधिकार |
| 2 घंटे से अधिक (घरेलू उड़ान) |
मुफ्त भोजन (Meals) और जलपान (Refreshments)। |
| 24 घंटे से अधिक |
मुफ्त होटल आवास (Hotel Accommodation) और एयरपोर्ट से होटल तक मुफ्त परिवहन। |
| 5 घंटे से अधिक |
यात्री टिकट का पूरा रिफंड (Refund) मांग सकता है, भले ही वह उड़ान न भरे। |
उड़ान रद्द (Cancellation) होने की स्थिति में : यदि उड़ान को 24 घंटे से कम समय की सूचना पर रद्द किया जाता है, तो एयरलाइन को निम्नलिखित विकल्प देने होंगे।
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पूरा रिफंड: टिकट की पूरी राशि तत्काल वापस की जाए।
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वैकल्पिक उड़ान: बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अगली उपलब्ध उड़ान पर सीट प्रदान की जाए।
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मुआवजा (Compensation): यदि एयरलाइन वैकल्पिक उड़ान उपलब्ध नहीं करा पाती है, तो उन्हें टिकट की कीमत के आधार पर 2,000 से लेकर 10,000 रुपये तक का अतिरिक्त क्षतिपूर्ति मुआवजा देना पड़ सकता है (यह विलंब की लंबाई और अंतिम गंतव्य पर निर्भर करता है)।
महत्वपूर्ण नोट: DGCA के नियम कहते हैं कि प्राकृतिक आपदाओं (जैसे अत्यधिक कोहरा, भारी बारिश) के कारण होने वाले विलंब या रद्दीकरण के लिए एयरलाइन मुआवजा देने के लिए बाध्य नहीं होती है, लेकिन उसे रिफंड और वैकल्पिक उड़ान की सुविधा देनी ही होगी।
इंडिगो संकट ने एक बार फिर भारतीय विमानन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और बैकअप प्रणालियों की कमियों को उजागर किया है। सीईओ की माफी को स्वीकार करने के बावजूद, यात्रियों और नियामकों की मांग है कि एयरलाइन अपने परिचालन क्षमता को मजबूत करे। जब तक इंडिगो विश्वसनीयता का पुनर्निर्माण नहीं करती, तब तक यात्री अपने कानूनी अधिकारों का प्रयोग करते हुए एयरलाइन पर लगातार दबाव बनाए रखेंगे।
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