Delhi New CM Atishi: केजरीवाल ने आतिशी को ही दिल्ली का नया मुख्यमंत्री क्यों चुना?
नई दिल्ली। दिल्ली की सियासत में आज बड़ा मोड़ देखने को मिला जब आधिकारिक ऐलान से पहले ही शिक्षा मंत्री आतिशी का नाम नए मुख्यमंत्री के रूप में सामने आया। दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद आतिशी को अपना उत्तराधिकारी चुना और उनके नाम का प्रस्ताव विधायक दल की बैठक में रखा।
सभी विधायकों ने इस फैसले का समर्थन किया, और अब आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। इससे पहले यह पद सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित ने संभाला था। हालांकि, रेस में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता का नाम भी था, लेकिन अंत में पार्टी की सहमति आतिशी पर बनी। इस फैसले के पीछे कई कारण माने जा रहे हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
1. भ्रष्टाचार से मुक्त चेहरा
अरविंद केजरीवाल को एक ऐसे व्यक्ति की तलाश थी, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप न हों, और आतिशी इस कसौटी पर खरी उतरती हैं। दिल्ली की जनता में भी इससे एक साफ और सकारात्मक संदेश जाएगा।
2. मजबूत और प्रभावशाली मंत्री
आतिशी को केजरीवाल सरकार की सबसे प्रभावशाली मंत्री माना जाता है। जब केजरीवाल और उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया जेल में थे, तब उन्होंने ही सरकार और पार्टी को संभाला। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी जब तिरंगा फहराने का मौका आया, तो केजरीवाल ने आतिशी के नाम की सिफारिश की थी।
3. महिला चेहरा
दिल्ली के कालकाजी से विधायक आतिशी न केवल एक महिला चेहरा हैं, बल्कि उनकी साफ छवि और मजबूत प्रशासनिक क्षमता भी उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है। वह इस समय 10 से ज्यादा मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं, और अब वह अगले विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री का पद संभालेंगी।
4. पार्टी को नई पहचान दिलाने की कोशिश
अरविंद केजरीवाल का यह कदम AAP को नई पहचान देने की दिशा में भी देखा जा रहा है। अब तक पार्टी को केवल केजरीवाल केंद्रित माना जाता था, लेकिन आतिशी के चयन से पार्टी को एक व्यापक आयाम देने की कोशिश की गई है।
5. केजरीवाल की विश्वासपात्र
आतिशी न केवल एक सक्षम नेता हैं, बल्कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की विश्वासपात्र भी हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी और सरकार का प्रबंधन मजबूत रहेगा।
आतिशी का राजनीतिक सफर
आतिशी ने राजनीति में अपनी यात्रा 2020 में कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक के रूप में शुरू की। वह पहले मनीष सिसोदिया की शिक्षा सलाहकार भी रह चुकी हैं और दिल्ली की शिक्षा नीति में बड़ा योगदान दिया है। आतिशी ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल की है और शैक्षणिक अनुसंधान के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि आतिशी किस तरह से दिल्ली की राजनीति और शासन व्यवस्था को आगे बढ़ाती हैं। इस बीच, अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री पद तभी वापस लेंगे जब उन्हें जनता से "ईमानदारी का प्रमाणपत्र" मिलेगा।
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