बीआरओ ने बहाल किया शिंकुला दर्रा, जून में शुरू होगा चार किलोमीटर लंबी टनल का काम
![हिमाचल प्रदेश और लद्दाख को जोड़ने वाले शिंकुला दर्रे को सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बहाल कर दिया है। शिंकुला दर्रा बहाल होने के बाद वीरवार दोपहर को सीमा सड़क संगठन की योजक परियोजना के मुख्य अभियंता आरके साहा ने हरी झंडी दिखाकर वाहन रवाना किए। शिंकुला दर्रा समुद्रतल से करीब 16,558 फुट ऊंचाई पर स्थित है। बीआरओ के 126 आरसीसी ने 45 दिन में शिंकुला दर्रा को बहाल कर जांस्कर घाटी के लोगों के चेहरे में खुशी ला दी है।](https://realitynews.in/static/c1e/client/90677/uploaded/579e91d615b4e1714399cc01b1b69293.jpg?width=960&height=640&resizemode=4)
हिमाचल प्रदेश और लद्दाख को जोड़ने वाले शिंकुला दर्रे को सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बहाल कर दिया है। शिंकुला दर्रा बहाल होने के बाद वीरवार दोपहर को सीमा सड़क संगठन की योजक परियोजना के मुख्य अभियंता आरके साहा ने हरी झंडी दिखाकर वाहन रवाना किए। शिंकुला दर्रा समुद्रतल से करीब 16,558 फुट ऊंचाई पर स्थित है। बीआरओ के 126 आरसीसी ने 45 दिन में शिंकुला दर्रा को बहाल कर जांस्कर घाटी के लोगों के चेहरे में खुशी ला दी है।
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अब जांस्कर वैली के लोग न केवल कुल्लू और लाहौल स्पीति आ-जा सकेंगे, बल्कि पदुम से कारगिल जाने में भी आसानी होगी। मुख्य अभियंता ने बताया कि संगठन को दर्रा बहाल करने के लिए करीब 20 फुट ऊंची बर्फ की दीवारों को माइनस तापमान में मशीनों की सहायता से हटाना पड़ा। पिछले साल बीआरओ के जवानों ने दर्रे को 55 दिन में बहाल किया था और 23 मार्च को यातायात बहाल हुआ था। लेह-लद्दाख की जांस्कार घाटी को लाहौल से जोड़ने वाले शिंकुला दर्रा को यातायात के लिए बीआरओ ने बहाल कर दिया है।
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Team @BROindia Project Yojak fighting the vagaries of extreme weather, heavy snowfall and unprecedented rainfall successfully opened the mighty Shinkun La Pass in a record time of 45 days.
— 𝐁𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐨𝐚𝐝𝐬 𝐎𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐬𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 (@BROindia) April 5, 2024
Shinkun La pass provides connectivity to Zanskar Valley in Ladakh with Himachal Pradesh.… pic.twitter.com/ToiIF3BIpd
मुख्य अभियंता ने बताया कि योजक परियोजना का अगला फोकस अब शिंकुला दर्रा को भेदकर चार किमी लंबी टनल निर्माण करना है। जून से टनल का काम शुरू होगा। सुरंग बनने से मनाली से लेह वाया पदमु-निम्मू होकर यातायात 12 महीने बहाल रहेगा। इससे न केवल भारतीय सेना को सीमाओं तक पहुंचना आसान होगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास भी बढ़ेगा।
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शिंकुला दर्रे पर टनल बनने के बाद लाहौल और जंस्कार क्षेत्र के लोग आसानी से आ जा सकेंगे। इसके अलावा इन इलाकों में टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। अटल टनल बनने के बाद लाहौल घाटी की ओर आने वाले पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। आने वाले समय में लद्दाख और जंस्कार घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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