सावधान ! बच्चों की नजर को ‘नजर’ लगा रही ऑनलाइन पढ़ाई
धर्मशाला। देश में कोरोना की शुरूआत हुई तो लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया गया। लॉकडाउन (Lockdown) से शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए। इस दौरान ऑनलाइन (Online) यानी मोबाइल के जरिए पढ़ाई (Study) करवाई जाने लगी। ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) छोटे बच्चों की आंखों के लिए आफत बनकर आई है। पढ़ाई के दौरान कई घंटे तक मोबाइल पर नजर इनकी आंखों को सूखा (ड्राई) बना रही है।
सुबह से रात तक टीचर अपने-अपने विषयों से जुड़े काम मोबाइलों पर ग्रुप बनाकर सेंड कर रहे हैं। पढ़ाई करने के लिए बच्चे कई-कई घंटे तक मोबाइल पर निगाह गड़ाए रहते हैं। बाकी समय में वे मोबाइल पर ही गेम खेलते हैं। इस तरह उनका काफी समय मोबाइल पर ही गुजर रहा है। इसका असर उनकी आंखों पर पड़ने लगा है।
कोरोना संकट के कारण स्कूल बंद हुए तो बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई की राह पकड़ी। यह बच्चों के लिए अलग अनुभव वाली चीज रही। अलग-अलग एप पर वीडियो चैटिंग या वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बच्चों ने पूरे सेशन की पढ़ाई की। लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है। ऑनलाइन क्लास अटेंड करने से बच्चों की सेहत पर असर पड़ा है। खासकर बच्चों की आंखें खराब हो रहीं हैं। बच्चे लगातार पढ़ाई के लिए मोबाइल, टैब, लैपटाप और दूसरे इलेक्ट्रानिक गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। नतीजा बच्चों की आंखों की रोशनी कम होती जा रही है।
मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई बनी आफत
कोरोना काल के बाद से पढ़ाई का स्तर और माध्यम दोनों ही बदल गए हैं। ऑनलाइन पढ़ाई न केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक क्षति पहुंचाने का काम कर रहा है। बल्कि उनकी आंखों को भी निरंतर प्रभावित कर रहा है। जो उन्हें कम उम्र में ही चश्मा लगाने को मजबूर कर रही है। स्कूलों के बंद होने के बाद जिस प्रकार से ऑनलाइन पढ़ाई का क्रेज बढ़ा है। उसी प्रकार से बच्चों की आंखों में आने वाली तकलीफों के मामले में निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि मोबाइल और लैपटॉप से निकलने वाली विकिरण बच्चों की आंखों को न केवल नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि उनकी आंखों पर चश्मा लगाना भी मजबूरी बन जाती है।
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