HIMACHAL/अंशकालिक जलवाहकों को राहत, अटल वर्दी योजना को मंजूरी

शिमला। कैबिनेट (Himachal Pradesh Cabinet Meeting) ने शिक्षा विभाग में नियुक्त अंशकालिक जलवाहकों के नियमितीकरण की अवधि एक साल घटा दी है। Cabinet Meeting के फैसले के बाद अब अंशकालिक जलवाहक 14 साल के बजाय 13 साल बाद ही नियमित होंगे। उच्च शिक्षा विभाग और प्रारंभिक शिक्षा महकमे में 2500 जलवाहक तैनात हैं। मुख्यमंत्री जयराम
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HIMACHAL/अंशकालिक जलवाहकों को राहत, अटल वर्दी योजना को मंजूरी

शिमला। कैबिनेट (Himachal Pradesh Cabinet Meeting) ने शिक्षा विभाग में नियुक्त अंशकालिक जलवाहकों के नियमितीकरण की अवधि एक साल घटा दी है। Cabinet Meeting के फैसले के बाद अब अंशकालिक जलवाहक 14 साल के बजाय 13 साल बाद ही नियमित होंगे। उच्च शिक्षा विभाग और प्रारंभिक शिक्षा महकमे में 2500 जलवाहक तैनात हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया।

बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग में सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध आधार पर सांख्यिकी सहायक के 10 पदों को भरने की स्वीकृति दी गई। मंत्रिमंडल ने मंडी जिला के पधर उप रोजगार कार्यालय में विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों को भरने को भी मंजूरी दी। कुल्लू जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सरी भेखली में छात्रों की सुविधा के लिए प्रवक्ताओं के दो पदों के सृजन के साथ-साथ विज्ञान कक्षाएं शुरू करने को अपनी सहमति दी।


8.31 लाख स्कूली बच्चों के लिए वर्दी खरीदने को भी मंजूरी

इस बैठक में अटल वर्दी योजना के तहत वर्दी की 8.31 लाख स्कूली बच्चों के लिए वर्दी खरीदने को भी मंजूरी दी गई है। यह खरीद वित्तीय वर्ष 2019-20 सत्र के लिए होगी। इसके लिए टेंडर पहले ही लगा दिए गए थे। प्रदेश सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में सभी मंत्री मौजूद रहे। मंत्रिमंडल की बैठक में टास्क फोर्स के प्रमुख अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने और ज्यादा आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के बारे में प्रेजेंटेशन दी। कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों पर चिंता जताई।


12 हजार करोड़ रुपये नहीं हो सका खर्च, अब मंत्रियों को जिम्मेवारी

कैबिनेट की इस बैठक में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए कि प्रदेश में करीब 12 हजार करोड़ रुपये अनखर्चे पड़े़ हैं। यह पैसा पिछने काफी वक्त से खर्च ही नहीं हो पाया। इस मामले में लोक निर्माण विभाग सबसे फिसड्डी है। कई अन्य विभागों के भी यही हाल है। कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब हर जिले में एक-एक मंत्री को इसकी निगरानी में लगाया जाएगा कि कहां कितना पैसा खर्च हुआ। जल्दी ही मंत्रियों को जिम्मेवारी देकर विकास कार्यों का पैसा धरातल पर खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।


आर्थिक गतिविधियां शुरू करने को विभाग देंगे अगली बैठक में रिपोर्ट 

बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब कमेटी की दूसरी रिपोर्ट रखी गई। यह सब कमेटी प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए बनाई गई है। इस रिपोर्ट के बाद अब सभी विभागाध्यक्ष अपने-अपने विभागों से संबंधित ब्योरा देेंगे कि वे किन-किन गतिविधियों को शुरू करवा सकते हैं। विभागों की रिपोर्ट अगली कैबिनेट बैठक में रखी जाएगी, उसी में ही इस बारे में फैसले होंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह की अध्यक्षता वाली टास्क फोर्स ने भी करीब ढाई घंटे की प्रस्तुति दी।

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