कोरोना वायरस: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए GDP वृद्धि दर अनुमान को कम कर 4% किया
मुंबई। ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस इंडिया ने 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को उल्लेखनीय रूप से कम कर 4 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पूर्व में इसके 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। कोरोना वायरस महामारी और उसके कारण सोमवार से जरूरी सेवाओं को छोड़कर दुकानें, दफ्तर बंद होने और आवाजाही पर रोक को देखते हुए वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है।
यूबीएस सिक्यॉरिटीज ने एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसमें कहा गया है, ‘अगले वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2020-21 में 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पूर्व में इसके 5.1 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई थी।’
कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए उसके आर्थिक प्रभाव को लेकर चिंता जताई जा रही है। इस वायरस से अब तक कम-से-कम 400 लोगों के संक्रमित होने की रिपोर्ट है। वहीं सात लोगों की मौत हो चुकी है। आर्थिक प्रभाव को देखते हुए सरकार तथा आरबीआई से प्रोत्साहन पैकेज की मांग की जा रही है।
यूबीएस की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा, ‘अगर महामारी बढ़ती है तो भारत और उसके जैसे अन्य देशों के लिए चुनौतियां काफी गंभीर हैं। इसका कारण आबादी का अधिक घनत्व तथा कमजोर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा का होना है।’ ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि वैश्विक मंदी की आशंका और आवाजाही पर पाबंदी तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने के उपायों से भारत गंभीर महामारी परिदृश्य की ओर बढ़ रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक प्रभाव पर ज्यादा असर लोगों की आवाहजाही पर लगी पाबंदी से होगा न कि प्रभावित क्षेत्रों की वृद्धि से। ब्रोकिंग कंपनी के अनुसार शापिंग मॉल और कुछ जिलों को बंद करने से खपत पर असर पड़ेगा। रिपोर्ट में तालमेल के साथ समन्वित राजकोषीय प्रोत्साहन पर जोर दिया गया है।
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