अनदेखी का शिकार : नौकरी मांगने पर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी Indu को मिलता है जवाब, आपके पास मेडल नहीं

इंदु बाला (Indu Bala) ने बताया की वे इस संबंध में पूर्व खेल मंत्री गोविंद ठाकुर (Ex Sports Minister Govind Thakur) , सांसद अनुराग ठाकुर (MP Anurag Thakur), पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री (Ex MLA Vijay Agnihotri) सहित सभी नेताओं से मिल चुकी हैं, लेकिन सहायता के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को खिलाड़ियों (Players) का सम्मान करना चाहिए।   
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हमीरपुर ।  अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल (Himachal) का नाम चमकाने वाले खिलाड़ी (Player) किस कदर सरकारी तंत्र की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। इसका उदाहरण हमीरपुर (Hamirpur) जिले के नादौन (Naduan) की बास्केटबाल खिलाड़ी (Basketball Player)  इंदु बाला  (Indu Bala) हैं। इनके पास उपलब्धियां तो ढेरों हैं, बावजूद सरकारी नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। वर्ष 2005 में इंदु बाला (Indu Bala) चीन में हुई एशियन बास्केटबाल (Asian Basketball) प्रतियोगिता में भारतीय टीम  (सीनियर) की सदस्य रहीं। उस समय अचानक उनका नाम सुर्खियों में आया। तब इंदु (Indu) को देश की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों (Players) में शामिल किया गया था।


इंदु (Indu) दो बार इंडिया कैंप (India Camp) भी लगा चुकी हैं। इसके अलावा दस नेशनल (National), 15 बार राज्य स्तरीय (State Level) और आठ बार हिमाचल (Himachal) विवि की ओर से खेल चुकी हैं। इंदु (Indu) का कहना है कि जब भी नौकरी के लिए विभागीय अधिकारियों या नेताओं से मिलती हैं तो जवाब मिलता है कि आपके नाम कोई मेडल (Medal) नहीं है।


इंदु (Indu) ने कहा कि इस तरह का जवाब हौसला तोड़ने वाला है। उन्हें इस बात का गर्व है कि वे भारतीय टीम  (Indian Team) से खेलीं और हिमाचल का नाम चमकाया। इंदु की उम्र 36 वर्ष है और अब वे शादीशुदा हैं। पति प्राइवेट नौकरी करते हैं। उनके पिता का बचपन में देहांत हो गया था। इंदु बाला (Indu Bala) की माता चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थी। पांच भाई- बहनों में सबसे छोटी इंदु बाला (Indu Bala) का बचपन से इस खेल के प्रति लगाव था।

आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन इंदु बाला ने हिम्मत नहीं हारी। वर्ष 2006-07 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Ex CM Virbhader Singh) ने उन्हें हिमाचल केसरी (Himachal Kesari) के खिताब से नवाजा था। उस समय नादौन के विधायक सुखविंद्र सिंह (MLA Sukhwinder Singh) ने गौना में बास्केटबाल मैदान का नामकरण इंदु बाला (Indu Bala) के नाम पर करने की घोषणा की। यह घोषणा आज तक पूरी नहीं हुई।

इंदु बाला (Indu Bala) ने बताया की वे इस संबंध में पूर्व खेल मंत्री गोविंद ठाकुर (Ex Sports Minister Govind Thakur),  सांसद अनुराग ठाकुर (MP Anurag Thakur), पूर्व विधायक विजय अग्निहोत्री (Ex MLA Vijay Agnihotri) सहित सभी नेताओं से मिल चुकी हैं, लेकिन सहायता के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को खिलाड़ियों (Players) का सम्मान करना चाहिए।

उन्हें कम से कम गुजारे योग्य सरकारी नौकरी देनी चाहिए। कभी अखबारों की सुर्खियों में रहने बाली इंदु बाला आज गुमनामी का जीवन व्यतीत कर रही हैं। उनके पास कोई रोजगार नहीं है। इंदु बाला (Indu Bala) ने बीए, बीएड, कंप्यूटर में डिप्लोमा और नेताजी सुभाष चंद्र बोस खेल संस्थान पटियाला से बास्केटबाल (Basketball) में कोचिंग का डिप्लोमा भी किया है। 36 वर्षीय इस खिलाड़ी का सपना हिमाचल (Himachal) में खेल अकादमी (Sports Academy) खोलने का है।

खेल मंत्री राकेश पठानिया (Rakesh Pathania) ने कहा कि इंदु (Indu) के मामले की जांच की जाएगी। सरकार की ओर से जो संभव हो सकेगा, इंदु (Indu) की मदद की जाएगी।

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