ल्यूमिनस कम्पनी सामाजिक क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का कर रही निर्वहन : डीसी

विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर काॅर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी यानि सीएसआर के तहत ल्यूमिनस पाॅवर टेक्नोलाॅजी यूनिट गगरेट द्वारा जिला ऊना के लिए लगभग 70 लाख रूपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक तकनीक से लैस एंबुलैंस वाहन उपलब्ध करवाई।
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ऊना ।   विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर काॅर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी यानि सीएसआर के तहत ल्यूमिनस पाॅवर टेक्नोलाॅजी यूनिट गगरेट द्वारा जिला ऊना के लिए लगभग 70 लाख रूपये की लागत से निर्मित अत्याधुनिक तकनीक से लैस एंबुलैंस वाहन उपलब्ध करवाई। इस अवसर पर उपायुक्त राघव शर्मा ने कहा कि एंबुलैंस वाहन से लोगों को आधुनिक तकनीक से लैंस स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि लयूमिनस कम्पनी ने एंबुलैंस दान करके चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में बहुत ही सराहनीय पहल की है।

उपायुक्त ने कहा कि ल्यूमिनस कम्पनी सामाजिक क्षेत्र में महत्वूपर्ण भूमिका अदा कर रही है।  उपायुक्त ने नेक कार्य को बढ़ावा देने के लिए ल्यूमिनस कम्पनी के प्रबंधकों का धन्यावाद किया।  उपायुक्त ने बताया कि एंबुलैंस वाहन में टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान के लिए हैंड हैल्ड एक्स-रे मशीन, ट्रूनैट टैस्टिंग मशीन की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि ऊना जिला हिमाचल प्रदेश का पहला ऐसा जिला है यहां पर हैंड हैल्ड एक्स-रे मशीन द्वारा घर-घर जाकर टीबी स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि पहले टीबी की ज्यादा टेस्टिंग नहीं होती थी और टेस्टिंग करवाने में भी अधिक समय लगता था। लेकिन अब अत्याधिनुक मशीनों के आने से टेस्टिंग में क्रांति आएगी।  लोगों को बार-बार अस्पताल के चक्कर नहीं लगाने होगें। अब स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव-गांव/कार्य स्थल पर जाकर स्क्रीनिंग कर रही हैं। टेस्टिंग की सभी सुविधाएं एंबुलैंस वाहन में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि एंबुलैंस में हैंड हेल्ड एक्स-रे मशीन का परिणाम 30 सैकेंड में ही पता चल जाता है और प्रारंभिक तौर पर ही टीबी रोग की पहचान हो जाती है।

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उन्होंने बताया कि इस तकनीक से अभी तक जिला में 3800 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। स्क्रीनिंग के दौरान जो लोग टीबी रोग से ग्रसित पाए गए उनका शीघ्र उपचार शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में टीबी रोगियो में कमी आएगी। उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष 2024 तक बेहतर टेस्टिंग, स्क्रीनिंग और उपचार से जिले को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उपायुक्त ने कहा कि जिला ऊना में विभिन्न उद्योग संगठनों के सहयोग से टीबी के सभी मरीजों को निक्षय मित्र कार्यक्रम के तहत पोषण किटें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि टीबी रोगियों का खान-पान अच्छा होगा तो शीघ्र ही स्वस्थ होंगे। उन्होंने कहा कि टीबी रोग के उन्मूलन में आम नागरिक अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं। इसके लिए “निक्षय मित्र” बनाएं या कोई भी व्यक्ति टीबी रोगी को गोद लेकर उनकी सेवा कर सकता है। उन्होंने जनमानस से निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की सहायता करने की अपील की ताकि जिला को शत-प्रतिशत टीबी मुक्त बनाया जा सके।
ल्यूमिनस कम्पनी की ओर से अराधना दूब्बे ने ल्यूमिनस कम्पनी द्वारा सीएसआर के तहत किए जा रहे विभिन्न कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कम्पनी विभिन्न सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं ताकि लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाए। उन्हांेने कहा कि ऊना को टीबी मुक्त बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस एंबुलैंस दान करके ऊना को टीबी मुक्त बनाने में प्रशासन का सहयोग किया है।
इस अवसर पर एसडीएम सोमिल गौतम गगरेट, सीएमओ डाॅ मंजू बहल, बीएमओ डाॅ पंकज पराशर, बीएमओ अंब राजीव गर्ग, हरोली बीएमओ संजय मनकोटिया, जिला परिषद उपाध्यक्ष कृष्णपाल शर्मा, ल्यूमिनस कम्पनी से मनीष मनीष चौब्बे, आरके शर्मा, दीपक शारदा, अजय भारद्वाज, पंकज त्यागी के अतिरिक्त निक्षय मित्र भी उपस्थित रहे।

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