चमत्कार ! गोबिंद सागर झील में मिला पौने तीन किलो का पानी में तैरता पत्थर

गोबिंद सागर झील के लठियाणी-मंदली घाट पर पानी में तैरता हुआ पत्थर मिला। गश्त के दौरान पुलिस जवानों ने पानी में इस तैरते हुए पत्थर को देखा और वे उसे थाना ले आए।
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गोबिंद सागर झील के लठियाणी-मंदली घाट पर पानी में तैरता हुआ पत्थर मिला। गश्त के दौरान पुलिस जवानों ने पानी में इस तैरते हुए पत्थर को देखा और वे उसे थाना ले आए। इसका वजन पौने तीन किलोग्राम बताया जा रहा है। पत्थर को देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है। कई लोग इसे चमत्कार से जोड़ रहे हैं।

ऊना। गोबिंद सागर झील के लठियाणी-मंदली घाट पर पानी में तैरता हुआ पत्थर मिला। गश्त के दौरान पुलिस जवानों ने पानी में इस तैरते हुए पत्थर को देखा और वे उसे थाना ले आए। इसका वजन पौने तीन किलोग्राम बताया जा रहा है। पत्थर को देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है। कई लोग इसे चमत्कार से जोड़ रहे हैं।

जानकारी के अनुसार थाना बंगाणा के एएसआई रविंद्र, होमगार्ड तिलक टीम सहित गोबिंद सागर झील के लठियाणी-मंदली घाट पर 27 जुलाई देर शाम को गश्त करते हुए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने देखा कि झील के बीच में कुछ तैर रहा है। पुलिस जवान उक्त वस्तु को देखने पहुंचे तो पाया कि एक पत्थर पानी में तैर रहा है। 

यह देख पुलिस जवान हैरान हो गए। जवान उक्त पत्थर को उठाकर बंगाणा पुलिस थाना ले आए। जब थाना बंगाणा में पानी की भरी बाल्टी में उक्त पत्थर को डाला तो पत्थर बाल्टी में भी तैरने लगा। इसका पता चलते ही आसपास के लोग थाना बंगाणा में पत्थर देखने पहुंच गए। शुक्रवार को दिनभर थाने में पत्थर को देखने के लिए लोगों की उमड़ पड़ी। 

गोबिंद सागर झील के लठियाणी-मंदली घाट पर पानी में तैरता हुआ पत्थर मिला। गश्त के दौरान पुलिस जवानों ने पानी में इस तैरते हुए पत्थर को देखा और वे उसे थाना ले आए। इसका वजन पौने तीन किलोग्राम बताया जा रहा है। पत्थर को देखने के लिए भीड़ उमड़ रही है। कई लोग इसे चमत्कार से जोड़ रहे हैं।

जब जनता के सामने उक्त पत्थर का वजन किया तो करीब पौने तीन किलोग्राम पाया गया। कई लोग उक्त पत्थर को रामसेतु से जोड़ रहे हैं। थाना बंगाणा के एएसआई रविंद्र का कहना है कि हमें गश्त के दौरान झील के लाठियाणी-घाट पर उक्त पत्थर पानी में तैरता हुआ मिला है। हम उक्त पत्थर को थाना बंगाणा ले आए हैं। पत्थर कैसे पानी में तैर रहा है। इसका रहस्य उन्हें नहीं पता।

 
प्यूमाइश पत्थर भी तैरते हैं पानी में

पानी के तैरने वाले पत्थर ज्वालामुखी के उद्गम से भी बनते हैं, जिन्हें प्यूमाइश पत्थर भी कहा जाता है। ऐसे पत्थरों में असंख्य छिद्र होते है। इसका घनत्व काफी कम होता है, इसीलिए पानी पर तैरता है। इस तरह के पत्थर दक्षिण भारत के महाराष्ट्र में भी पाए जाते है। कई पत्थरों की संरचना ऐसी होती, जो ऊपरी सतह से ठोस और अंदर से खोखले होते हैं। इस कारण इनमें वायु रहती है और वे डूबते नहीं।  खास तौर पर पूना इलाके में मिलता है। खैर हिमाचल के लठियाणी में मिले पत्थर की सच्चाई क्या है उसका पता तो वैज्ञानिक शोध के बाद ही पता चलेगा। 

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