संजौली मस्जिद विवाद ः प्रदर्शन के दौरान 60 लोगों ने की थी पत्थरबाजी, पुलिस कार्रवाई की तैयारी में

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हुए प्रदर्शन ने 11 सितंबर को हिंसक रूप ले लिया था। पुलिस ने घटना के दौरान पत्थरबाजी करने वाले करीब 60 लोगों की पहचान कर ली है।
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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हुए प्रदर्शन ने 11 सितंबर को हिंसक रूप ले लिया था। पुलिस ने घटना के दौरान पत्थरबाजी करने वाले करीब 60 लोगों की पहचान कर ली है। पुलिस ड्रोन और वीडियो फुटेज का इस्तेमाल कर रही है, ताकि प्रदर्शन में शामिल दोषियों की शिनाख्त की जा सके। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों का मुख्य उद्देश्य मस्जिद तक पहुंचना था, जिसके चलते सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा।  Shimla News, Sanjouli News, Himachal News

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हुए प्रदर्शन ने 11 सितंबर को हिंसक रूप ले लिया था। पुलिस ने घटना के दौरान पत्थरबाजी करने वाले करीब 60 लोगों की पहचान कर ली है। पुलिस ड्रोन और वीडियो फुटेज का इस्तेमाल कर रही है, ताकि प्रदर्शन में शामिल दोषियों की शिनाख्त की जा सके।

पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों का मुख्य उद्देश्य मस्जिद तक पहुंचना था, जिसके चलते सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों की पहचान के लिए पुलिस तकनीकी साधनों का सहारा ले रही है। इसमें ड्रोन और वीडियो फुटेज के साथ-साथ व्हाट्सएप चैट्स की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल 185 लोगों की पहचान कर ली है, जिनमें से 60 लोग पत्थरबाजी में शामिल पाए गए हैं।

पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनावपूर्ण झड़प

11 सितंबर को हुए इस हिंसक प्रदर्शन में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे, जिनमें से दो को गंभीर चोटें आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा था।

संजौली में सुरक्षा कड़ी

घटना के बाद पुलिस ने संजौली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। मस्जिद की ओर जाने वाले सभी रास्ते अब भी सील हैं, और संजौली बाजार में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि पुलिस हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है ताकि दोषियों को जल्द से जल्द कानून के दायरे में लाया जा सके।

व्हाट्सएप चैट्स और आपराधिक रिकॉर्ड की जांच

पुलिस का कहना है कि कई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसीलिए पुलिस व्हाट्सएप चैट्स और पुराने रिकॉर्ड्स को खंगाल रही है। इससे उम्मीद की जा रही है कि पूरे मामले में और भी दोषियों की पहचान हो सकेगी।

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