पेपर लीक मामला : भंग हो चुके कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव को छह दिन की रिमांड पर भेजा

भंग हो चुके हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव एवं एचएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र कंवर को गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को हमीरपुर न्यायालय में पेश किया गया।  जहां से उसे छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
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HPSSC Hamirpur

हमीरपुर । पेपर लीक मामले के बाद भंग हो चुके हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव एवं एचएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र कंवर को गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को हमीरपुर न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे छह दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। अब 10 अप्रैल को आरोपी पूर्व सचिव को दोबारा न्यायालय में पेश किया जाएगा। एसआईटी ने अभी तक पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी पेपर लीक मामले में उन्हें आरोपी बनाया है।

डॉ. जितेंद्र कंवर आयोग में सचिव के अलावा परीक्षा नियंत्रक और भर्ती रिकॉर्ड के कस्टोडियन भी थे। इस मामले में 23 दिसंबर 2022 को हमीरपुर विजिलेंस थाना में एफआईआर दर्ज हुई। पहली एफआईआर में निलंबित वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उसका बेटा, दलाल संजीव समेत आठ लोग आरोपी हैं। एसआईटी ने डॉ. जितेंद्र कंवर को पूछताछ के लिए हमीरपुर विजिलेंस थाना बुलाया था। डॉ. कंवर मंगलवार शाम को पांच बजे थाना पहुंचे। पूछताछ करने के बाद रात 8:55 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

एसआईटी इस मामले में 20 फरवरी 2023 को हमीरपुर न्यायालय में चालान पेश कर चुकी है। लेकिन, अब पूर्व सचिव पर मामला दर्ज होने के बाद अनुपूरक चालान पेश किया जाएगा। फिलहाल छह दिन की पुलिस रिमांड के दौरान एसआईटी पूर्व सचिव से पूछताछ के अलावा सीन री-क्रिएट भी करवाएगी।

वहीं, उमा आजाद के छोटे बेटे निखिल आजाद, नौकर नीरज कुमार और दलाल संजीव कुमार के आवाज के सैंपल की न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद अब एसआईटी ने एफएसएल के अधिकारियों को चिट्ठी लिखकर सैंपल एकत्रित करने के लिए समय मांगा है। फोरेंसिक साइंस लैब मंडी से जवाब आने के बाद तीनों आरोपियों के आवाज के सैंपल लेकर पता लगाया जाएगा कि उन्होंने पेपर लीक मामले में किन-किन लोगों से सौदेबाजी की थी।



छह साल से चयन आयोग में सेवारत थे डॉ. कंवर


भंग हो चुके हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में एचएएस अधिकारी डॉ. जितेंद्र कंवर सचिव के पद पर वर्ष 2017 से दिसंबर 2022 तक सेवारत रहे हैं। इस दौरान करीब 600 पोस्ट कोड से अधिक की भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया गया। एसआईटी के पास दो दर्जन से अधिक भर्तियों की शिकायतें आई हैं, जिनकी जांच चल रही है। आयोग के माध्यम से आयोजित अन्य भर्तियां भी संदेह के दायरे में हैं।

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