HPU : हिमाचल विश्वविद्यालय में पार्ट टाइम पीएचडी की मिलेगी सुविधा, रेजिडेंसी की शर्त में छूट

नए नियमों के तहत पार्ट टाइम पीएचडी का लाभ विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले स्कूल और कॉलेज शिक्षकों के अलावा नौकरीपेशा लोगों को मिल सकता है। उन्हें पीएचडी करने के लिए लंबी स्टडी लीव की आवश्यकता नहीं रहेगी।
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HPU Shimla

शिमला ।  हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद की स्थायी समिति की बैठक में यूजीसी के पीएचडी नियम-2022 को अपनाकर प्रदेश विश्वविद्यालय में अपनाने को स्वीकृति दी गई। इसमें पार्ट टाइम पीएचडी करने की सुविधा होगी। शोधार्थी को पीएचडी करने के लिए लगातार विश्वविद्यालय में उपस्थित रहने की रेजिडेंसी की शर्त में भी राहत मिल सकती है। यह बैठक  अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल की अध्यक्षता और प्रति कुलपति प्रो. ज्योति प्रकाश की मौजूदगी में हुई।

नए नियमों के तहत पार्ट टाइम पीएचडी का लाभ विश्वविद्यालय से पीएचडी करने वाले स्कूल और कॉलेज शिक्षकों के अलावा नौकरीपेशा लोगों को मिल सकता है। उन्हें पीएचडी करने के लिए लंबी स्टडी लीव की आवश्यकता नहीं रहेगी। इससे स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षण कार्य भी कम प्रभावित होगा। छह माह का रेगुलर कोर्स वर्क पूरा करने की शर्त रेगुलर और पार्ट टाइम दोनों तरह के पीएचडी में रहेगी। इन नए नियमों को विश्वविद्यालय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में अंतिम मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इसके बाद यह विश्वविद्यालय के अधिनियम का हिस्सा बन जाएगा।

बैठक में समिति ने कोरोना काल के कारण यूजीसी की ओर से पीएचडी शोध कार्य पूरा करने को 31 दिसंबर तक बढ़ाई गई समय सीमा को और बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूर किया। इसमें एमफिल के लिए छह माह और पीएचडी के लिए समय सीमा एक साल तक बढ़ाई जाएगी। इसके लिए शोधार्थियों को विवि के नियमों के तहत तय की एक्सटेंशन फीस चुकानी होगी। यह 2,500 से 50,000 तक हो सकती है। समिति ने यूजी कोर्स में स्काउट एंड गाइड को करिकुलम में शामिल करने को भी मंजूरी दी।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ज्योति प्रकाश और अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल ने माना कि शैक्षणिक परिषद में यूजीसी के पीएचडी के नए नियमों को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा अन्य मंजूरी किए गए प्रस्तावों को अब कार्यकारिणी परिषद में अंतिम मंजूरी के लिए ले जाया जाएगा।

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