सात हजार महिलाओं को घर बनाने के लिए डेढ़-डेढ़ लाख देगी हिमाचल सरकार

हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश की सात हजार महिलाओं को घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता देगी। यह सहायता राशि विधवा और एक नारियों को प्रदान की जाएगी।
 | 
हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश की सात हजार महिलाओं को घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता देगी। यह सहायता राशि विधवा और एक नारियों को प्रदान की जाएगी। इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना शुरू करेगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दी।  Himachal government will give Rs 1.5 lakh each to women to build houses

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार प्रदेश की सात हजार महिलाओं को घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता देगी। यह सहायता राशि विधवा और एक नारियों को प्रदान की जाएगी। इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना शुरू करेगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने दी। 

यह भी पढ़ेंः-आलाकमान का रुख देख पलटे विक्रमादित्य, प्राण प्रतिष्ठा पर अयोध्या जाने से इन्कार


उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पात्र विधवा एवं एकल नारियों को घर बनाने के लिए 1.50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना के तहत 7 हजार महिलाओं को घर निर्मित करने के लिए सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।

यह भी पढ़े:-हिमाचल में 21 साल से पहले नहीं होगी लकड़ियों की शादी

महिला उत्थान के लिए समर्पित इस योजना को हाल ही में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की गई है। 

यह भी पढ़ेंः-मंत्री विक्रमादित्य सिंह बोले-सड़क निर्माण में सुरक्षा मापदंडों का कड़ाई से हो अनुपालन

मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना की अंतिम रूपरेखा तैयार की जा रही है। आश्रय प्रदान इस योजना के अंतर्गत निर्मित घर में बिजली, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि एक वर्ष के दौरान राज्य सरकार ने उनके जीवन स्तर में सुधार के लिए कई अभिनव पहल की हैं।

यह भी पढ़ेंः-हिमाचल में कांग्रेस की सरकार का एक साल पूरा, सीएम सुक्खू ने की चार बड़ी घोषणाएं

सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चार हजार से अधिक अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाकर उनके लिए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।  हिमाचल देश का पहला राज्य है जहां अनाथ बच्चों की देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार उठा रही है। 

यह भी पढ़ेंः-सात हजार महिलाओं को इस दिन से मिलेंगे घर बनाने के लिए डेढ़-डेढ़ लाख, आया बड़ा अपडेट

प्रदेश सरकार द्वारा इन बच्चों को 27 वर्ष की आयु तक 4 हजार रुपये प्रतिमाह जेब खर्च के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की यह पहल वंचित वर्गों के सामाजिक उत्थान की पहल को दर्शाती है। प्रदेश सरकार राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित करते हुए समाज के वंचित वर्गों को विकास की मुख्य धारा में शामिल कर रही है।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।