शिमला में RTO Office के बाहर खड़ीं कर दीं 106 निजी बसें, जानें वजह

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला शहर में सोमवार से निजी बस ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। इसके चलते शहर में करीब 106 निजी बसें सड़कों से नदारद रहीं।
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हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला शहर में सोमवार से निजी बस ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। इसके चलते शहर में करीब 106 निजी बसें सड़कों से नदारद रहीं। सुबह के समय ही हजारों स्कूल, कॉलेज और दफ्तर जाने वाले यात्री अचानक बसें बंद होने से बुरी तरह प्रभावित हुए।  सुबह करीब 10 बजे के आसपास, सभी निजी बसें शिमला के RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) कार्यालय की ओर पहुंचीं और विरोध स्वरूप कार्यालय के बाहर खड़ी कर दी गईं।

शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला शहर में सोमवार से निजी बस ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। इसके चलते शहर में करीब 106 निजी बसें सड़कों से नदारद रहीं। सुबह के समय ही हजारों स्कूल, कॉलेज और दफ्तर जाने वाले यात्री अचानक बसें बंद होने से बुरी तरह प्रभावित हुए।

सुबह करीब 10 बजे के आसपास, सभी निजी बसें शिमला के RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) कार्यालय की ओर पहुंचीं और विरोध स्वरूप कार्यालय के बाहर खड़ी कर दी गईं। शिमला सिटी प्राइवेट बस चालक-परिचालक संघ ने स्पष्ट किया है कि यह हड़ताल उनकी मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगी।

उनका विरोध मुख्य रूप से HRTC (हिमाचल सड़क परिवहन निगम) की बसों के शहर के लोकल रूटों पर प्रवेश को लेकर है। निजी बस ऑपरेटरों का कहना है कि 40 किलोमीटर से अधिक दूरी की HRTC बसों को शहर के लोकल रूटों पर प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।

ऑपरेटरों का दावा है कि HRTC की इन लंबी दूरी की बसों के शहर में प्रवेश से जाम की समस्या बढ़ती है और इसका खामियाजा निजी बस ऑपरेटरों को भुगतना पड़ता है। पूरा विवाद विशेष रूप से ओल्ड बस स्टैंड में लॉन्ग रूट की बसों के आने को लेकर है।

यात्री सबसे अधिक प्रभावित

शिमला शहर में रोज़ाना हजारों यात्री निजी बसों में सफर करते हैं, क्योंकि शहर में सबसे अधिक आवाजाही निजी बसों में ही होती है। निजी बसें बंद होने से आज आमजन को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

वहीं, HRTC ड्राइवर-कंडक्टर यूनियन के प्रवक्ता पदम सिंह ठाकुर ने निजी ऑपरेटरों के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी बसों की वजह से कोई जाम नहीं लगता और निजी बस चालकों से उनका कोई मतभेद नहीं है।

निजी बस ऑपरेटरों ने HRTC की ओर से जारी 18 रूटों की सूची को भी खारिज कर दिया है, उनका कहना है कि सूची में शामिल कई बसें लंबे समय से बंद हैं या दूसरे डिपो से चलने वाली हैं, जिन्हें शिमला पहुंचने के बाद लोकल रूटों पर भेजा जा रहा है।

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