प्रदेश में जाली ईडब्ल्यूएस पेश करके नौकरी लेने वालों पर लगाई जाए लगाम : राजेश गौतम

हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन ने प्रदेश सरकार से उठाई मांग। गलत प्रमाण पत्र देकर नौकरी पाने वालों हो तुरंत बर्खास्त।  प्रदेश में गलत तरीके से नौकरी हासिल करके बेरोजगारों से हो रहा धोखा।
 
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मंडी ।  हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन  की ऑनलाइन मीटिंग राजेश गौतम की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस दौरान मुख्य मुद्दा आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के लिए दिए जाने वाले 10  प्रतिशत आरक्षण पर चर्चा की गई। यूनियन ने आर्थिक आधार पर दिए जाने वाला आरक्षण का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में भी पूर्ववत आरक्षण सामान्य वर्ग के बीपीएल परिवारों के लिए सात प्रतिशत दिया जाता था। बाद में इस बीपीएल के सात प्रतिशत आरक्षण को 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस में मर्ज कर दिया गया।  केंद्र सरकार ने इसकी आय सीमा आठ लाख  कर दी।

हिमाचल प्रदेश में पहले से ही यह व्यवस्था चल रही थी, जो सामान्य श्रेणी में बीपीएल परिवारों को दिया जाता था। लेकिन यहां भी 4 लाख की आय सीमा कर दी गई। जोकि बहुत ज्यादा है। ईडब्ल्यूएस का प्रमाण पत्र बनाने में भी मापदंड पूर्णतः पारदर्शी होना चाहिए तथा जो व्यक्ति गलत जानकारी देकर इस तरह का प्रमाण पत्र बना रहे हैं  और उसके आधार पर नौकरी पाने में सफल हो जाते  है। तो वह पात्र उम्मीदवारों का हक छीन रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि ईडब्ल्यूएस का जाली प्रमाण पत्र कोई  न बनवा पाए चाहे, तो उसका बनवाते समय पैन कार्ड भी अटैच कर लेना चाहिए।

उन्होंने निवेदन किया है कि ईडब्ल्यूएस के लिए चार लाख आय सीमा अत्यधिक है या कम से कम एक लाख तक की जाए, ताकि पात्र व्यक्तियों को इसका लाभ मिले । उन्होंने कहा कि 33000 प्रति महीना आय वाला परिवार आर्थिक आधार पर कमजोर कैसे हो सकता है । बीएड बेरोजगार यूनियन ने कहा कि सरकार ने सभी फर्जी तरीके पर पाबंदी लगाई है और यहां तक हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश सर्विस सिलेक्शन कमीशन को भी बंद कर दिया है। जिससे लोगों ने  सरकार के प्रति पारदर्शिता की सोच का स्वागत किया है।

इसी तरह आर्थिक आधार पर पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को भी इस तरह जाली ईडब्ल्यूएस पेश करके नौकरी लेने वालों पर लगाम लगाई जाए तथा जो गलत प्रमाण पत्र देकर नौकरी पाने में सफल हो गए हैं। उन्हें नौकरी से तुरंत बर्खास्त किए जाने चाहिए तथा रिकवरी भी होनी चाहिए।

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