मंडी के इस स्कूल में स्थायी शिक्षक ही नहीं, पलायन कर गए 20 विद्यार्थी, अब चार ही बचे

शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के सहारे स्कूल को चलाया जा रहा है। हालात ये हैं कि स्कूल से 20 विद्यार्थी पलायन कर चुके हैं और अब स्कूल में मात्र चार ही विद्यार्थी बचे हैं। अगर इन बच्चों ने भी दूसरे स्कूल को रुख कर लिया तो यहां ताला लटक जाएगा।

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हिमाचल प्रदेश में सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था मुहैया करवाने की बातें कर रही है। सरकार स्कूल शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार करने के लिए शिक्षकों को विदेशों में भेज रही है। मगर यह सारे सुधार के दावे और वादे उस वक्त हवा हो जाते हैं, जब ग्राउंड पर कुछ दिखता ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में एक स्कूल ऐसा भी है जहां तीन साल से कोई स्थायी शिक्षक ही नहीं है। शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के सहारे स्कूल को चलाया जा रहा है।   हालात ये हैं कि स्कूल से 20 विद्यार्थी पलायन कर चुके हैं और अब स्कूल में मात्र चार ही विद्यार्थी बचे हैं।

मंडी। हिमाचल प्रदेश में सरकार बेहतर शिक्षा व्यवस्था मुहैया करवाने की बातें कर रही है। सरकार स्कूल शिक्षा के स्तर में व्यापक सुधार करने के लिए शिक्षकों को विदेशों में भेज रही है। मगर यह सारे सुधार के दावे और वादे उस वक्त हवा हो जाते हैं, जब ग्राउंड पर कुछ दिखता ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में एक स्कूल ऐसा भी है जहां तीन साल से कोई स्थायी शिक्षक ही नहीं है। शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के सहारे स्कूल को चलाया जा रहा है। 

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हालात ये हैं कि स्कूल से 20 विद्यार्थी पलायन कर चुके हैं और अब स्कूल में मात्र चार ही विद्यार्थी बचे हैं। अगर इन बच्चों ने भी दूसरे स्कूल को रुख कर लिया तो यहां ताला लटक जाएगा। यह स्कूल है प्राथमिक शिक्षा खंड द्रंग द्वितीय के तहत आने वाला राजकीय प्राथमिक पाठशाला बड़ागांव। अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक पाठशाला में पिछले तीन साल से प्रतिनियुक्ति पर ही अध्यापक आ रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए अब अभिभावक शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर भेज गए शिक्षक को ही यहां नियमित करने की गुहार लगा रहे है। 

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अभिभावकों का कहना है कि नियमित शिक्षक नहीं होने से वह अपने बच्चे दूसरे स्कूलों में भेजने के लिए विवश हैं। अभिभावक एवं स्थानीय निवासी देविंद्र कुमार ठाकुर, रोशन लाल, मीरा देवी, अजीत कुमार आदि ने बताया कि पाठशाला में पिछले तीन साल से कोई स्थायी अध्यापक नहीं है। स्कूल से करीब 20 विद्यार्थी दूसरे स्कूलों में पलायन कर चुके हैं, अब मात्र चार विद्यार्थी ही स्कूल में शेष हैं। अभिभावकों ने इन बच्चों को दूसरे स्कूल में भेजा तो पाठशाला में ताला लटक जाएगा। 

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वहीं, सीएचटी शिलग ने बताया कि पाठशाला में रेगुलर अध्यापक न होने के कारण उन्हें तीन-तीन दिन के लिए अध्यापक प्रतिनियुक्ति पर भेजने पड़ रहे हैं। पाठशाला में बच्चों की संख्या भी कम होती जा रही है। खंड शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी देवी ने बताया कि इस पाठशाला में तैनात अध्यापक एक वर्ष पहले ऑन प्रमोशन दूसरे स्कूल चले गए हैं। विभाग स्कूल में प्रतिनियुक्ति भर अध्यापक भेज रहा है। उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। समस्या पर सरकार की ओर से ही कार्रवाई का इंतजार है। स्थायी अध्यापक आएगा तो बड़ागांव स्कूल में नियुक्ति कर दी जाएगी। 

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