Himachal News : अभिनेत्री कंगना को लेकर चर्चा में आया मंडी, जानें क्यों कहते हैं छोटी काशी

दरअसल हिमाचल प्रदेश की मंडी और उत्तर प्रदेश की वाराणसी में काफी समानताएं हैं, जिसके लिए मंडी को छोटी काशी कहा जाता है। वाराणसी की तरह ही यहां भी कई घाट हैं, जहां पर शिवमंदिर भी हैं। यहां ज्यादातर मंदिर भगवान शिव के ही हैं।
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मंडी को पहले मांडव्य नगरी के रूप में जाना जाता था, क्योंकि यहीं ऋषि मांडव ने ब्यास नदी में एक चट्टान पर ध्यान किया था। यहां हर साल फरवरी-मार्च में प्रसिद्ध महाशिवरात्री मेले का आयोजन भी होता है। मंडी के लोग अपनी जीवंतता और आस्था और परंपराओं से जुड़ी खास लाइफ स्टाइल के लिए जाने जाते हैं। मंडी शहर में कई मंदिर हैं। जैसे पुरानी मंडी में त्रिलोकीनाथ मंदिर, डीसी कार्यालय परिसर में राज देवता माधोराय मंदिर, प्रसिद्ध चौहाटा बाजार में भूतनाथ मंदिर, टारना पहाड़ियों पर टारना श्यामकली मंदिर, सुकेती के संगम पर पंचवक्त्र महादेव मंदिर और ब्यास नदी, समखेतर स्ट्रीट पर अर्धनारीश्वर मंदिर, भेउली में भीमाकाली मंदिर हैं।  

हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से भाजपा ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को टिकट दिया है। इसके बाद से ही कंगना के साथ ही मंडी भी लगातार चर्चा में बनी हुई हैं। कंगना रनौत के खिलाफ कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के भद्दे पोस्ट से शुरू हुआ बवाल भी थमने का नाम नहीं ले रहा। एक तरफ जहां भाजपा सुप्रिया श्रीनेत की इस्तीफे की मांग कर रही है तो वहीं महिला आयोग उनके खिलाफ चुनाव आयोग पहुंच गया है। 

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इस बीच भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत का एक और बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह सुप्रीय श्रीनेत के बयान से काफी दुखी है। उन्होंने कहा, उन्होंने उस मंडी को लेकर भद्दा कमेंट किया जिसे छोटी काशी कहा जाता है। बता दें कि सुप्रिया श्रीनेत के इंस्टा अकाउंट से एक कंगना रनौत को लेकर एक भद्दा पोस्ट किया गया था। इसको लेकर बाद में कंगना रनौत ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर करार जवाब दिया था। इसी के बाद से ये विवाद बढ़ता गया। 

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बाद में सुप्रिया श्रीनेत ने सफाई देते हुए कहा कि ये पोस्ट उनके पैरोडी अकाउंट से किया गया है। उन्होंने कहा, जो कोई मुझे जानता है, उसे पता होगा कि मैं एक महिला के लिए ऐसा कभी नहीं कहूंगी। हालांकि एक पैरोडी अकाउंट भी है, जिसे मैंने अभी-अभी मेरे नाम का गलत इस्तेमाल करते हुए पाया है। किसी ने मेरे नाम से ट्विटर पर चलाया भी है। इसे लेकर मैंने शिकायत की है। हालांकि भाजपा सुप्रिया श्रीनेत की इस सफाई से संतुष्ट नजर नहीं आई और ये बवाल अब भी जारी है। 

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इसी बीच ये जानना जरूरी है कि जिस मंडी को लेकर इस वक्त इतना बवाल मचा हुआ है, उसे छोटा काशी क्यों कहा जाता है? दरअसल हिमाचल प्रदेश की मंडी और उत्तर प्रदेश की वाराणसी में काफी समानताएं हैं, जिसके लिए मंडी को छोटा काशी कहा जाता है। वाराणसी की तरह ही यहां भी कई घाट हैं, जहां पर शिवमंदिर भी हैं। यहां ज्यादातर मंदिर भगवान शिव के ही हैं। अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और मंदिर स्थापत्य विरासत के कारण इसे हिमाचल की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है। 

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मंडी को पहले मांडव्य नगरी के रूप में जाना जाता था, क्योंकि यहीं ऋषि मांडव ने ब्यास नदी में एक चट्टान पर ध्यान किया था। यहां हर साल फरवरी-मार्च में प्रसिद्ध महाशिवरात्री मेले का आयोजन भी होता है। मंडी के लोग अपनी जीवंतता और आस्था और परंपराओं से जुड़ी खास लाइफ स्टाइल के लिए जाने जाते हैं। मंडी शहर में कई मंदिर हैं। जैसे पुरानी मंडी में त्रिलोकीनाथ मंदिर, डीसी कार्यालय परिसर में राज देवता माधोराय मंदिर, प्रसिद्ध चौहाटा बाजार में भूतनाथ मंदिर, टारना पहाड़ियों पर टारना श्यामकली मंदिर, सुकेती के संगम पर पंचवक्त्र महादेव मंदिर और ब्यास नदी, समखेतर स्ट्रीट पर अर्धनारीश्वर मंदिर, भेउली में भीमाकाली मंदिर हैं।  

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