जयराम के गढ़ में गरजे मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू , अधूरी विकास परियोजनाओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री पर साधा निशाना

जयराम के गढ़ में सुक्खू खूब गरजे और पूर्व भाजपा सरकार को विकास कार्यों को लेकर कठघरे में खड़ा किया। मुख्यमंत्री यहां अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ करने पहुंचे थे।  
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CM Sukhu
मंडी । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को मंडी के पड्डल मैदान से पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर जमकर निशाना साधा। जयराम के गढ़ में सुक्खू खूब गरजे और पूर्व भाजपा सरकार को विकास कार्यों को लेकर कठघरे में खड़ा किया। मुख्यमंत्री यहां अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव का शुभारंभ करने पहुंचे थे।  उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने गृह जिले मंडी के लोगों को भी ठगने का काम किया। वह पांच साल में बल्ह में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, मंडी में शिव धाम और सरकारी कॉलेज का काम पूरा नहीं करा पाए। सरदार पटेल यूनिवर्सिटी अपने उद्देश्य पर खरा नहीं उतर पा रही। पूर्व मुख्यमंत्री एक ऐसा काम बता दें, जिसे उन्होंने पांच साल में मंडी जिले के लिए पूरा किया हो। 
सुक्खू ने जयराम की पूर्व सरकार को कमजोर सरकार बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री व उनकी सरकार में दृढ़ इच्छाशक्ति का अभाव था। वह मजबूती के साथ निर्णय नहीं ले पाए। शिव धाम बनाने की घोषणा की, लेकिन 200 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान ही नहीं किया। शिव धाम में जो थोड़ा बहुत काम हुआ, उसकी स्थिति भी खंडहर जैसी हो गई। उनकी सरकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर शिवधाम में पहले चरण में मंदिर का काम पूरा कराएगी। 
मंडी एयरपोर्ट जयराम ठाकुर का ड्रीम प्रोजेक्ट था, जिसे सिरे चढ़ाने में वह पूरी तरह नाकाम रहे। मंडी सदर में उन्होंने पांच तक विकास नहीं किया। उनकी सरकार जेल को भी मंडी शहर से बाहर स्थानांतरित करेगी, उसके लिए दस करोड़ रुपये दिए जाएंगे। भाजपा सरकार ने प्रदेश में विकास कार्यों में भेदभाव किया, जिससे मंडी भी अछूती नहीं रही। विकास केवल सिराज तक ही सिमट कर रह गया। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद बजट का प्रावधान कर कार्य करना शुरू किए हैं। 
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ओपीएस को लागू करने से पहले बजट का प्रावधान किया। सुख-आश्रय योजना भी 101 करोड़ के बजट के साथ लागू की। सुख-आश्रय कोष में जनता-जनार्दन भी 3 करोड़ से अधिक का अंशदान दे चुकी है। उनकी सरकार हर दिन मंत्रिमंडल बैठक नहीं करेगी, बजट का प्रावधान कर ही फैसले लिए जाएंगे। कांग्रेस सरकार ने दस में से एक गारंटी पूरी कर दी है, अन्य नौ गारंटियों को चार साल के भीतर पूरा कर दिया जाएगा।

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