हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन की बैठक यूनियन के प्रदेश प्रधान की अध्यक्षता में ऑनलाइन की गई आयोजित

यूनियन ने प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा बीएड वालों को जेबीटी टेट में बैठने की अनुमति के लिए सरकार व शिक्षा विभाग का दो लाख से अधिक बीएड धारकों ने धन्यवाद किया।  
 | 
TGT Teacher

मंडी ।  हिमाचल प्रदेश बीएड बेरोजगार यूनियन की बैठक यूनियन के प्रदेश प्रधान राजेश गौतम की अध्यक्षता में ऑनलाइन आयोजित की गई। इस दौरान प्रदेश के समस्त जिलों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। यूनियन ने प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा बीएड वालों को जेबीटी टेट में बैठने की अनुमति के लिए सरकार व शिक्षा विभाग का दो लाख से अधिक बीएड धारकों ने धन्यवाद किया। 

उन्होंने कहा कि विभाग ने 28 जून 2018 की नोटिफिकेशन को लागू करने में बहुत समय ले लिया, जबकि दूसरे प्रदेशों में यह तत्काल प्रभाव से बीएड वालों को जेबीटी में कंसीडर कर लिया गया था।  सिर्फ राजस्थान हाई कोर्ट ने बीएड के विपक्ष में फैसला सुनाया है। जो दूसरे प्रदेशों में लागू नहीं होता, क्योंकि इस केस की सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। जिसकी सुनवाई की 16 नवंबर को रखी गई है।  इसमें बीएड के पक्ष में एनसीटीई की गजट को बचाने के लिए खुद एनसीटीई ने एवं केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने एसएलपी डाली गई है। साथ में  सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेशों के किसी भी भर्ती पर बीएड वालों को शामिल न करने में कहीं भी कोई बात नहीं कही गई है ।

उन्होंने कहा कि इतना जरूर है कि जो भी भर्ती होगी वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन होगी और संभवत फैसला बीएड के ही पक्ष में आएगा। क्योंकि शिक्षा के सुधार के लिए एनसीटीई के द्वारा बनाए गए नियम पूरे देश में लागू होते हैं। क्योंकि एनसीटीई एक वैधानिक संस्था है और यह इनका क्षेत्राधिकार है, कि शिक्षक के लिए योग्यता में क्या मापदंड उचित हैं । पिछले चार वर्षों से इस भर्ती को जानबूझकर लटकाया जा रहा है तथा अनावश्यक आंदोलन की धमकियां देकर कानून को अपने पक्ष में करने की नाकाम कोशिश की जा रही है।

वहीं बीएड  के दो लाख से अधिक बेरोजगारों ने शिक्षा विभाग का बहुत आभार व्यक्त किया है कि उन्हें जेबीटी टेट में बैठने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस तरह जेबीटी बीएड धारकों का विरोध कर रहे हैं। उसी तरह प्रदेश के बीएड धारक और सभी कॉलेज के बीएड प्रशिक्षु भी समांतर विरोध करने के लिए मजबूर हो जाएगें। उन्होंने कहा कि यह फैसला माननीय कोर्ट द्वारा दिया गया है। जिसकी सभी को अनुपालना करनी चाहिए।  

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।