Mandi : बराहड़ा में देव कुयंरी ब्यास का रथ समेत तीन रिहायशी मकान चढ़े आग की भेंट, 30 लाख का नुकसान

मंडी जिले के सराज में चियूणी के बराहड़ा गांव में वीरवार तड़के करीब चार बजे आग लगने से तीन रिहायशी मकान जलकर राख हो गए हैं। सभी मकान दो मंजिला थे। तीन परिवारों के दस सदस्य बेघर हुए हैं।

 | 
photo

मंडी ।  हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज में चियूणी के बराहड़ा गांव में वीरवार तड़के करीब चार बजे आग लगने से तीन रिहायशी मकान जलकर राख हो गए हैं। सभी मकान दोमंजिला थे। तीन परिवारों के दस सदस्य बेघर हुए हैं। घर में रखा सारा सामान जल गया है। तन पर पहने कपड़ों के अलावा कुछ नहीं बचा। अग्निकांड में देवता कुयंरी ब्यास ऋषि का रथ भी जला है। सोलह लोगों की दो संयुक्त गोशालाओं को नुकसान हुआ है। स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया। बराहड़ा गांव में 30 मकान हैं।

प्रारंभिक तौर पर करीब 30 लाख का नुकसान आंका गया है। मकान काष्ठकुणी शैली के थे। इसके चलते आग पर काबू पाने में ग्रामीणों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एसडीएम थुनाग पारस अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन की तरफ से तहसीलदार दीक्षांत ठाकुर ने घटनास्थल का दौरा किया है। तीन परिवारों को 30-30 हजार की फौरी राहत दी गई है। तिरपाल, खाने-पीने का सामान, पहनने को कपड़े, बर्तन आदि भी मुुहैया करवाए गए हैं। 


वहीं  राघा लाल पुत्र बख्शी राम, भूप सिंह पुत्र राघा लाल, पुष्प चंद पुत्र राघा लाल की जीवनभर की कमाई राख हो गई है। तीन परिवारों में 10 सदस्य हैं। इनमें चार विद्यार्थी हैं। प्रभावितों का कहना है कि उनके पास सिर्फ पहने हुए कपड़े ही बचे हैं। नकदी, कपड़े, बच्चों की वर्दियां, पढ़ाई का सामान, बर्तन, औजार आदि सब जलकर राख हो गए हैं। परिवार तिरपाल के नीचे रहने पर मजबूर है। गांववालों ने जरूरतमंदों को अपने यहां ठहरने के लिए घरों के दरवाजे खोल दिए हैं। 



झावे राम पुत्र मोहनलाल, हुकमचंद पुत्र शिवराम, देवी सिंह पुत्र वीर सिंह, भोवानी कुमार पुत्र देवी सिंह, खेम पुत्र खेम सिंह, डुमणी राम पुत्र देवी सिंह, इंद्र सिंह पुत्र देवी सिंह, निक्का राम पुत्र माघु राम, घमीर सिंह पुत्र मधुराम, पेसराम, हुक्मी राम, हेतराम, यशवंत सिंह, देविंद्र कुमार आदि की दो संयुक्त गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। 

बुराहड़ा गांव सराज का दुर्गम क्षेत्र है। लंबाथाच के सुनाह से बुराहड़ा तक संपर्क मार्ग तो है, लेकिन यह मार्ग तंगहाल और जर्जर है। मार्ग पर वाहन नहीं दौड़ सकते। आपात स्थिति में न तो एंबुलेंस और न अग्निशमन वाहन पहुंच सकता है। यदि दमकल वाहन पहुंचता तो शायद आग पर काबू पाया जा सकता था। उधर, अधिकारियों का तर्क है कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस के पेच से सड़क को चौड़ा करने का मामला अटका है।

फेसबुक पर हमसे जुड़ने के लिए यहांक्लिक  करें। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट पाने के लिए हमेंगूगल न्यूज पर फॉलो करें।