अजय हिमाचली मंडी । स्वामी पूर्णानंद मेमोरियल आयुर्वेद चिकित्सालय गांधी भवन मंडी में नन्हें बच्चों को स्वर्ण बिंदु प्राशन करवाया गया। इस दौरान करीब 130 से अधिक बच्चों को स्वर्ण प्राशन का गोल्डन ड्रॉप पिलाया गया। दो दिन पुष्य नक्षत्र के चलते नन्हें बच्चों को ड्रॉप मंगलवार दोपहर 12 बजे तक दिया गया। स्वामी पूर्णानंद मेमोरियल आयुर्वेद चिकित्सालय गांधी भवन मंडी में आयोजित स्वर्ण प्राशन में मंडी शहर सहित अन्य क्षेत्रों के बच्चों पहुंचे थे। इस बारे में स्वामी पूर्णानंद मेमोरियल आयुर्वेद चिकित्सालय के चिकित्सक एमडी (आयुर्वेदिक) पंचकर्म डा. अभिषेक कौशल ने बताया कि स्वर्ण प्राशन संस्कार में बच्चों को आयुर्वेदिक औषधियों से सिद्व शुद्ध स्वर्ण भस्म घी व शहद के साथ पिलाया जाता है। यह संस्कार हर महीने में एक बार पुष्य नक्षत्र के दिन किया जाता है।
यह भी पढ़े : - Mandi : कांग्रेसियों को नहीं ईवीएम की सुरक्षा का भरोसा, धर्मपुर में स्ट्रांग रूम के बाहर गाड़ा तम्बू
उन्होंने बताया कि जन्म से लेकर 16 वर्ष की आयु तक के बच्चों में स्वर्ण प्राशन संस्कार किया जाता है। उन्होंने बताया कि स्वर्ण बिंदु प्राशन हिमाचल प्रदेश के अलावा बाहरी राज्यों के बच्चों को भी भेजा जात है। डाक विभाग द्वारा स्वर्ण प्राशन पुष्य नक्षत्र से पहले भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि पूर्व काल में भी बच्चे के जन्म के समय बच्चे के माता-पिता द्वारा द्वारा सोने की शलाका में ऊं शब्द बच्चे की जीभ पर लिखा जाता था, पर अब यह परंपरा कहीं लुप्त हो गई है।
उन्होंने बताया कि स्वर्ण प्राशन के बहुत लाभ है। इसमें अगर बच्चा बार-बार बीमार होता है। शिशु को एलर्जी के कारण बार-बार सर्दी, नजला, बुखार, खांसी, दमा, टांसी लाइ्रटस होता हो। शिशु को बार-बार एंटीबायोटिक दवाई देनी पड़ती हो या वजन कम हो रहा हो। उन बच्चों को स्वर्ण प्राशन के सेवन करवाकर रोग मुक्त कर सकते है। उन्होंने बच्चों के परिजनों से आह्वान किया है कि हर माह पुष्य नक्षत्र के दिन स्वामी पूर्णानंद मेमोरियल आयुर्वेद चिकित्सालय गांधी भवन मंडी में स्वर्ण प्राशन अवश्य करवाए।
ये है स्वर्ण प्राशन का लाभ :
स्वर्ण प्राशन के सैकड़ों लाभ है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। बच्चा शारीरिक व मानसिक रुप से मजबूत बनता है और बच्चे का स्टेमिना हम उम्र के बच्चों से ज्यादा बेहतर रहता है। भूख भी अच्छी लगती है। बुद्वि व स्मरण शक्ति तेज होती है। एलर्जी के कारण उत्पन्न कफ विकार जैसे बार-बार सर्दी नजला, बुखार, खांसी, दमा, बालकफ, टांसी लाईटस की समस्या दूर होती है। वजन व लंबाई समयानुसार बढ़ती है। रात को बिस्तर गीला करने की आदत छूटती है। एंटिबायटिक के बार-बार इस्तेमाल से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाता है। बोलने सुनने व देख ने की शक्ति में अद्भुत लाभ प्रदान करता है।