Lok Sabha Election : भाजपा ने मंडी से कंगना और कांगड़ा में राजीव भारद्वाज को उतारा

हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने चार संसदीय क्षेत्रों से प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। भाजपा की ओर रविवार को जारी उम्मीदवारों की सूची में अभिनेत्री कंगना रनौत को मंडी और राजीव भारद्वाज को कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से चुनावी अखाड़े में उतारा है।
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लोकसभा चुनाव के सरगर्मियां तेज हो गई हैं। हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने चार संसदीय क्षेत्रों से प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। भाजपा की ओर रविवार को जारी उम्मीदवारों की सूची में अभिनेत्री कंगना रनौत को मंडी और राजीव भारद्वाज को कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से चुनावी अखाड़े में उतारा है। हमीरपुर से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और शिमला से सुरेश कश्यप को पहले ही भाजपा मैदान में उतार चुकी है। उधर, हिमाचल प्रदेश का प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस अपने उम्मीदवार ही तय नहीं कर पाई है। इस वजह से कांग्रेस के प्रचार अभियान को भी गति नहीं मिल रही है।  

लोकसभा चुनाव के सरगर्मियां तेज हो गई हैं। हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने चार संसदीय क्षेत्रों से प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया है। भाजपा की ओर रविवार को जारी उम्मीदवारों की सूची में अभिनेत्री कंगना रनौत को मंडी और राजीव भारद्वाज को कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से चुनावी अखाड़े में उतारा है। हमीरपुर से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और शिमला से सुरेश कश्यप को पहले ही भाजपा मैदान में उतार चुकी है। उधर, हिमाचल प्रदेश का प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस अपने उम्मीदवार ही तय नहीं कर पाई है। इस वजह से कांग्रेस के प्रचार अभियान को भी गति नहीं मिल रही है।  

एक महीने से चल रही सियासी उठापटक ने ही मंडी से कंगना रणौत का टिकट पक्का किया है। भाजपा ने अगली रणनीति के तहत नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को लोकसभा चुनाव में नहीं उतारा है। वहीं, कांगड़ा संसदीय सीट में ब्राह्मण चेहरे और संगठन से जुड़े पुराने नेता डॉ. राजीव भारद्वाज पर दंव खेला गया है।  हमीरपुर और शिमला के बाद मंडी व कांगड़ा लोकसभा सीटों पर भाजपा के टिकटों को घोषित करने में देरी का कारण फरवरी से शुरू हुई राजनीतिक गहमागहमी है। पहले माना जा रहा था कि मंडी से जयराम ठाकुर ही उम्मीदवार होंगे, क्योंकि उपचुनाव में कांग्रेस के खाते में गई इस एकमात्र सीट पर भाजपा कोई जोखिम नहीं लेगी।


अल्पमत में होने के बावजूद क्रॉस वोटिंग से राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद राज्य सरकार को संकट में डालने का व्यूह रच रही भाजपा अगली मोर्चेचंदी के तहत अब एक भी विधायक कम नहीं होने देना चाहती है। संख्याबल को बनाए रखने के लिए वह तब किया गया है कि जयराम ठाकुर को प्रदेश की राजनीति में ही सक्रिय रखना होगा। कंगना  रणौत की राजनीतिक सक्रियता से यह शुरू से ही लग रहा था कि वह भी मंडी के लिए भाजपा के पास एक और विकल्प है। हालांकि टिकटार्थियों के पैनल में उनका नाम नहीं था। मगर भाजपा ने उन्हें टिकट देने का फैसला लेकर अचानक चौंका डाला।

वहीं, भाजपा सेलिब्रिटी की चुनाव में उतारने के प्रयोग पड़ोसी राज्यों में सनी देवोल, किरण खेर आदि के रूप में कर चुकी है और अब हिमाचल में भी आजमाया जा रहा है। ऐसे में कंगना के महिला चेहरा देकर भी भाजपा ने मंडी  संसदीय क्षेत्र की आधी आबादी को लक्षित किया है तो लक्ष्य में राजपूत समुदय भी है। कंगना का प्रोफाइल, बेवाक अंदाज, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव, राष्ट्रीय स्तर के मुद्दों में भाजपा की पक्षधरता जैसी बातों को भी ध्यान में रखा गया होगा। कांगड़ा की बात करें तो वहां से ब्राहमण समुदाय से शांता कुमार और राजन सुशांत भी चुनाव जीत चुके हैं। डॉ. भारद्वाज भाजपा के राष्ट्रीय नेता रहे शांता कुमार के भी करीबी रहे हैं।


दो बार के भाजपा सांसद किशन कपूर गद्दी समुदाय से थे तो उनके स्वास्थ्य कारणों और कांगड़ा में एंटीइनकमबेसी फैक्टर को कुंद करने के लिए उनका टिकट काटकर संगठन से जुड़े नेता को तरजीह देना भी उचित माना गया।  बहरहाल, प्रदेश की चारों सीटों की बात करें तो शिमला सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। कांगड़ा में ब्राह्मण और मंडी व हमीरपुर में राजपूत चेहरों को टिकट देकर भाजपा ने जातीय, क्षेत्रीय संतुलन साधने का भी दांव चला है। तो पार्टी ने उनका रसूख साधने का भी प्रयास किया है।

जन्मदिन के दिन तय हुआ टिकट

शनिवार को संसदीय बोर्ड की भी बैठक थी उसमें ही कंगना का टिकट फाइनल हुआ। शनिवार को ही उनका जन्मदिन भी था। उन्होंने बगलामुखी मंदिर बनखंडी में जकर पूजा-अर्चना भी की थी। मंडी का टिकट लंबित होने के चलते यह चर्चा शुरू हो गई थी कि कहीं कंगना मंडी से प्रत्याशी तो नहीं होंगी। वहीं, टिकट घेषित होने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर हाईकमान का आभार जताया है।

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