Kullu : पांच माह के लिए बूढ़ी नागिन माता मंदिर के कपाट हुए बंद, बैसाख संक्राति के दिन खुलेंगे

जलोड़ी दर्रा, रघुपुरगढ़ और सरयोलसर में ताजा बर्फबारी के बाद तापमान शून्य के आसपास पहुंच गया। ऐसे में माता की पूजा अर्चना करना संभव नहीं है। अब माता के कपाट 15 अप्रैल माह को खुलेंगे।
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कुल्लू  ।  समुद्रतल से करीब 10500 फीट ऊंचे धार्मिक स्थल सरयोलसर में वास करने वाली बूढ़ी नागिन माता मंदिर के कपाट पांच माह के लिए बंद हो गए। जलोड़ी दर्रा, रघुपुरगढ़ और सरयोलसर में ताजा बर्फबारी के बाद तापमान शून्य के आसपास पहुंच गया। ऐसे में माता की पूजा अर्चना करना संभव नहीं है। अब माता के कपाट 15 अप्रैल माह को खुलेंगे। जिला कुल्लू के धार्मिक पर्यटन सरयोलसर में सीजन की पहली बर्फबारी होने पर 15 नवंबर से बूढ़ी नागिन माता मंदिर के कपाट बंद कर दिए हैं।

माता की वास स्थली सरयोलसर में बर्फ की सफेद चांदी बिछने से यहां पारा भी शून्य तक पहुंच गया है। श्रद्धालु अब गर्मियों के दिनों में ही माता के दर्शन कर पाएंगे। बता दें कि गर्मी आते ही स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ हजारों पर्यटक माता का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। 

बूढ़ी नागिन माता के कारदार भागे राम राणा ने कहा कि ताजा बर्फबारी के बाद मंदिर के कपाट बैसाख संक्रांति तक के लिए बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब माता की पूजा ठंड के दौरान करना आसान नहीं है। अब माता के श्रद्धालु बैसाख संक्रांति को ही कर सकेंगे। सर्दी से पवित्र झील सरयोलसर भी जमना शुरू हो जाएगा। जंगलों के बीच माता का मंदिर और झील के कारण यहां रहना आसान नहीं है।

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