सुख-आश्रय योजना में अब कमरे के किराये और हॉस्टल की सुविधा भी देगी हिमाचल सरकार

हिमाचल प्रदेश सरकार अनाथ बच्चों को पढ़ाई के लिए घर से बाहर जाने पर हॉस्टल और कमरे का किराया भी देगी। इससे घर से दूर जाकर उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों को राहत मिलेगी।
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हिमाचल सरकार मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों को पढ़ाई के खर्च के साथ अन्य सुविधाएं भी दे रही है। इसी के तहत अब पढ़ाई के खर्च के साथ रहने-खाने का खर्च भी हिमाचल सरकार करेगी। इसी घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने की है।    कांगड़ा जिला के परागपुर क्षेत्र के गांव नक्की में आयोजित ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सीधा संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना (Mukhyamantri Sukh Ashray Yojna) के लाभार्थी प्रिंस शर्मा ने कहा कि वे रीजनल सेंटर धर्मशाला से एमबीए कर रहे हैं। राज्य सरकार उनकी पढ़ाई का खर्च उठा रही है। 

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार अनाथ बच्चों को पढ़ाई के लिए घर से बाहर जाने पर हॉस्टल और कमरे का किराया भी देगी। इससे घर से दूर जाकर उच्च शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। हिमाचल सरकार मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों को पढ़ाई के खर्च के साथ अन्य सुविधाएं भी दे रही है। इसी के तहत अब पढ़ाई के खर्च के साथ रहने-खाने का खर्च भी हिमाचल सरकार करेगी। इसी घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने की है।

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कांगड़ा जिला के परागपुर क्षेत्र के गांव नक्की में आयोजित ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सीधा संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना (Mukhyamantri Sukh Ashray Yojna) के लाभार्थी प्रिंस शर्मा ने कहा कि वे रीजनल सेंटर धर्मशाला से एमबीए कर रहे हैं। राज्य सरकार उनकी पढ़ाई का खर्च उठा रही है। 

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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने लाभार्थी प्रिंस शर्मा से पूछा कि हॉस्टल का खर्च मिल रहा है, तो प्रिंस ने कहा कि वहां हॉस्टल नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना (मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना) में सुधार कर हॉस्टल के खर्च के साथ-साथ किराये का भी प्रावधान किया जाएगा, ताकि किराए पर घर लेकर पढ़ाई करने वाले बच्चों को भी इसका लाभ मिल सके।

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इसी योजना की लाभार्थी डॉ. रश्मि शर्मा ने योजना शुरू करने के लिए सुखविंद्र सिंह सुक्खू का धन्यवाद किया और कहा कि वे बीएएमएस की पढ़ाई के बाद डिग्री कर रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार से आर्थिक मदद मिल रही है।  योजना के तहत उन्हें 4000 रुपये पॉकेट मनी भी मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना कोई दया नहीं है, बल्कि अनाथ बच्चों का अधिकार है। 

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क्या-क्या शामिल है सुखआश्रय योजना में

सुखाश्रय योजना के तहत बाल-बालिका आश्रमों में रह रहे बच्चों की प्राथमिक से उच्च शिक्षा आश्रम में ही देने, उनकी देखरेख व शादी, पॉकेट मनी, घूमने-फिरने का खर्च, भूमिहीन को मकान के लिए तीन बिस्वा जमीन इत्यादि देने का प्रविधान है। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए नि:शुल्क कोचिंग, व्यावसायिक प्रशिक्षण, विवाह के लिए दो लाख, जो निराश्रित युवा खुद का स्टार्टअप करना चाहते हैं, उन्हें दो लाख रुपये की एकमुश्त राशि का प्रावधान रखा गया है।

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