सियासी माहौल में कंगना ने बदली भाषा, जगह-जगह बदल रहा पहनावा

मायानगरी को सिने चकाचौंध को छोड़कर आई कंगना अपने आप को मंडी संसदीय क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में परिवर्तित कर रही हैं। वहां की स्थानीय बोली में बातचीत करने से लेकर वहां की पारंपरिक वेशभूषा और सांस्कृतिक पहनावे को भी पहना रही हैं। हाल ही में मंडी, कुल्लू और चम्बा के भरमौर दौरे के दौरान यह साफ नजर आया है।
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मायानगरी को सिने चकाचौंध को छोड़कर आई कंगना अपने आप को मंडी संसदीय क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में परिवर्तित कर रही हैं। वहां की स्थानीय बोली में बातचीत करने से लेकर वहां की पारंपरिक वेशभूषा और सांस्कृतिक पहनावे को भी पहना रही हैं। हाल ही में मंडी, कुल्लू और चम्बा के भरमौर दौरे के दौरान यह साफ नजर आया है।    बॉलीवुड में अपनी बेबाक छवि और राष्ट्रवादी प्रखर विचारधारा के कारण कंगना हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। ऐसे में अब भी वह लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। कंगना चुनाव प्रचार में जिस भी क्षेत्र में जा रही हैं, वहां की बोली में लोगों से संवाद करने की कोशिश कर रही हैं। पारंपरिक पहनावे को पहनाकर स्थानीय महिलाओं को भी साधने की कोशिश की जा रही है।

बॉलीवुड की चकाचौंध में रहने वाली कंगना रनौत अब लोगों के आंगन तक पहुंच रही हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मंडी संसदीय क्षेत्र से कंगना को प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद कंगना रनौत अब प्रचार के लिए फील्ड में उतर चुकी हैं। जैसे-जैसे चुनाव प्रचार आगे बढ़ रहा है, कंगना के अंदाज और जीवन शैली में भी परिवर्तन आ रहा है।

मायानगरी को सिने चकाचौंध को छोड़कर आई कंगना अपने आप को मंडी संसदीय क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में परिवर्तित कर रही हैं। वहां की स्थानीय बोली में बातचीत करने से लेकर वहां की पारंपरिक वेशभूषा और सांस्कृतिक पहनावे को भी पहना रही हैं। हाल ही में मंडी, कुल्लू और चम्बा के भरमौर दौरे के दौरान यह साफ नजर आया है।

बॉलीवुड में अपनी बेबाक छवि और राष्ट्रवादी प्रखर विचारधारा के कारण कंगना हमेशा सुर्खियों में रहती हैं। ऐसे में अब भी वह लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं। कंगना चुनाव प्रचार में जिस भी क्षेत्र में जा रही हैं, वहां की बोली में लोगों से संवाद करने की कोशिश कर रही हैं। पारंपरिक पहनावे को पहनाकर स्थानीय महिलाओं को भी साधने की कोशिश की जा रही है।

चम्बा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर, जोकि मंडी संसदीय क्षेत्र में आता है, के दौरे के दौरान कंगना ने गद्दी परिधान यानी लुआंचड़ी पहन और डोडमाला, चिड़ी, चंद्रहार जैसे पारंपरिक आभूषण गले में डालकर लोगों को वहां का स्थानीय होने का अहसास दिलाने की कोशिश की। वह कार्यकर्ताओं के साथ पारंपरिक वेशभूषा में समर्थकों के साथ फोटो करवाते भी नजर आ रही हैं। 

मंगलवार को भरमौर के दौरे के बाद कंगना ने सोशल मीडिय पर पोस्ट किया...

आज  मंडी संसदीय क्षेत्र में भरमौर (चम्बा) का दौरा हुआ, वहां लोगों से मिली और अपना परिचय कराय। भरमौर के सुप्रसिद्ध चौरासी मंदिर में जाने का अवसर मिला। इतिहासकारों का मानना है कि यह मंदिर सातवीं शताब्दी से भी पुरा है, लेकिन लोगों को कहना है कि यह आदीकाल से यहीं उपस्थित हैं। यहां एक पौराणिक शिवलिंग के दर्शन हुए। ऐसा लगा जैसे स्वयं शंभू मेरे साक्षात हों। पहली बार विष्णु अवतार नरसिंह का मंदिर देख और पंडितों ने मुझे बताया कि पूरे विश्व में धर्मराज जी का मंदिर यहीं है। धर्मराज जी के मंदिर में भी दर्शन किए। यहां मृत्यु के बाद के कुछ रहस्यों का भी विस्तार हैं। मृत्यु के बाद कैसे मनुष्य धर्मराज के दरबार में उपस्थित होने हैं वो क्या चित्र होता है, कैसे कचहरी लगती है। ऐसे बहुत सारे रहस्यों का वर्णन है। मैंने चम्बा गद्दी ड्रेस पहनी और सबने मुझे कंप्लीमेंट दिए। चम्बा, यहां की ब्यूटी, यहां का कल्चर, यहां के लोग, पहनावा, फूड और संगीत मुझे बहुत पसंद है। भगवान करे मैं विजयी रहूं और चम्बा से मेरा एक घनिष्ठ रिश्ता बने। 

 

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