Himachal Politics : जयराम ठाकुर पर सीएम सुक्खू का बड़ा आरोप, बोले- लोकतंत्र की हत्या की
Himachal Latest News : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जनता के वोटों के आधार पर चुनी गई सरकार को पैसों के इस्तेमाल से गिराने का जो प्रयास जयराम ठाकुर ने किया है, वह लोकतंत्र की हत्या है। हिमाचल की जनता जागरूक है। हर पांच साल के बाद वो सरकार को बदलता है और पांच साल के लिए सरकार को बनाता भी है।
हिमाचल की जनता एक जून को तय करेगी कि क्या उनको पैसे के दम वाले विधायक चाहिए... जो बिकते हैं। आज हिमाचल प्रदेश में हम यह कह सकते हैं हमारी सरकार 15 महीने से अच्छा काम कर रही है। सीएम सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर तंज कसते हुए कहा कि कि दिन में भी सपने देख रहे हैं। मैथमैटिक्स में कमजोर हो गए, 4 जून को सरकार बनाने की बात कह रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो अपने विधायकों को भी लोकसभा चुनाव में उतारने की तैयारी कर रहे हैं।
#WATCH Hamirpur: Himachal Pradesh Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu says, "... The attempt made by Jairam Thakur to topple the government, which was elected based on people's votes, using money, is a murder of democracy... The people of Himachal are aware... They will decide… pic.twitter.com/EmXGrFCYTH
— ANI (@ANI) April 9, 2024
बता दें कि हिमाचल में कांग्रेस दो विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारकर भी सरकार के बहुमत में रखने का संदेश देने की तैयारी में है। कांग्रेस ने अब विधानसभा उपचुनाव के साथ ही लोकसभा चुनाव भी आक्रामक तरीके से लड़ने को नई बिसात बिछाई है। लोकसभा चुनाव को हल्के में नहीं लेते हुए कांग्रेस अब मंडी संसदीय क्षेत्र से मंत्री विक्रमादित्य सिंह और शिमला से विधायक विनोद सुल्तानपुरी को चुनाव लड़ाने की तैयारी में है। वर्तमान में 62 विधायकों की संख्या वाले सदन में कांग्रेस के 34 और भाजपा के 25 विधायक हैं। छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं।
छह विस सीटें हार कर भी सरकार बहुमत में रहेगी
राजनीतिक विशेषज्ञों मानते हैं कि अगर तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद मंजूर होते हैं तो सदन 65 विधायकों का ही रहेगा। अगर उपचुनाव में कांग्रेस सभी छह सीटों पर हार भी जाती है तो भी भाजपा बहुमत के पास नहीं पहुंच सकेगी। सभी उपचुनाव जीत कर भी भाजपा के विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 31 ही होगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दोनों विधायक अगर जीत जाते हैं तो कांग्रेस के विधायकों की संख्या 34 से घटकर 32 रहेगी।
इस स्थिति में बहुमत साबित करने के दौरान कांग्रेस और भाजपा को 31-31 मत प्राप्त होंगे। मुकाबला बराबरी पर रहने से विधानसभा अध्यक्ष का मत निर्णायक होगा। अगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दोनों विधायक हार जाते हैं तो विधायकों की संख्या 34 ही रहेगी जबकि भाजपा सभी सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद भी 31 के आंकड़े तक ही रहेगी। कांग्रेस के एक विधायक की जीत और दूसरे की हार होने पर कांग्रेस के पास 33 विधायक रहेंगे। अगर कांग्रेस उपचुनाव में एक भी सीट जीत गई तो सरकार और मजबूत ही होगी।
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