Himachal Loksabha Election : कांग्रेस-भाजपा में हुई सीधी टक्कर, 78% उम्मीदवारों की जमानत जब्त

Himachal Pradesh NOTA Impact: चुनाव आयोग की ओर से उपलब्ध अंतिम आंकड़ों के मुताबिक राज्य की चारों सीटों पर कुल 37 प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई और इनमें 29 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई।
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हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के आंकड़े बेहद दिलचस्प रहे हैं। लोकसभा के चुनावी अखाड़े में उतरे 72 फीसदी उम्मीदवारों को नोटा से भी कम मत मिले है। इसके साथ ही 78 फीसदी उम्मीदवार की जमानत भी जब्त हो गई हैं। हिमाचल में लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर थी। इसमें भाजपा ने क्लीन स्वीप करते हुए चारों सीटों पर जीत दर्ज की है। आम चुनावों में हिमाचल में भाजपा ने लगातार तीसरी बार क्लीन स्वीप किया। लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों को छोड़कर अन्य कोई भी जमानत नहीं बचा पाया।

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के आंकड़े बेहद दिलचस्प रहे हैं। लोकसभा के चुनावी अखाड़े में उतरे 72 फीसदी उम्मीदवारों को नोटा से भी कम मत मिले है। इसके साथ ही 78 फीसदी उम्मीदवार की जमानत भी जब्त हो गई हैं। हिमाचल में लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर थी। इसमें भाजपा ने क्लीन स्वीप करते हुए चारों सीटों पर जीत दर्ज की है। आम चुनावों में हिमाचल में भाजपा ने लगातार तीसरी बार क्लीन स्वीप किया। लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों को छोड़कर अन्य कोई भी जमानत नहीं बचा पाया।


चुनाव आयोग (Election Commission) की ओर से उपलब्ध अंतिम आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल की चारों सीटों पर कुल 37 प्रत्याशी थे। इनमें से 29 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। इस तरह 78% प्रतिशत उम्मीदवार अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। कुल 37 प्रत्याशियों में से 27 को नोटा की तुलना में कम वोट मिले हैं। हिमाचल की चारों लोकसभा सीटों पर कुल 23,125 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। कांगड़ा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा और हमीरपुर सीट पर सबसे कम लोगों ने नोटा का विकल्प चुना। दो सीटों पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी नोटा से ज्यादा वोट लेने में कामयाब रहे।

कांगड़ा लोकसभा सीट पर 6,372 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना। इस सीट पर किस्मत आजमा रहे 10 प्रत्याशियों में से सात प्रत्याशियों को नोटा से भी कम वोट पड़े। सबसे कम 545 मत निर्दलीय प्रत्याशी को मिले। भाजपा के डॉ. राजीव भारद्वाज ने यह सीट अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के आनंद शर्मा से 2.82 लाख के अंतर से जीती। मंडी सीट पर भी 10 प्रत्याशी थे। इनमें से आठ प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट पड़े। इस सीट पर 5,645 लोगों ने नोटा दबाया। निर्दलीय प्रत्याशी आशुतोष को सबसे कम 286 मत पड़े। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत ने कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को 74 हजार मतों से हराया।

हमीरपुर लोस सीट पर 5178 लोगों ने नोटा को चुना। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस को छोड़कर अन्य कोई भी प्रत्याशी नोटा से ज्यादा वोट नहीं ले पाया। यहां 12 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और 10 प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट पड़े। निर्दलीय प्रत्याशी गोपीचंद को सबसे कम 202 वोट मिले हैं। भाजपा के दिग्गज नेता एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के सतपाल रायजादा को 1.84 लाख से हराकर लगातार पांचवीं जीत हासिल की।

शिमला लोकसभा सीट पर 5,930 लोगों ने नोटा का विकल्प चुना। इस सीट पर पांच प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा और दो प्रत्याशियों को नोटा से कम वोट मिले। अखिल भारतीय परिवार पार्टी के मदन लाल को सबसे कम 4,686 वोट पड़े। भाजपा के सुरेश कश्यप ने दूसरी बार यह सीट अपने नाम की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के विनोद सुल्तानपुरी को 91 हज़ार मतों से मात दी। हिमाचल में 40.55 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इनमें से 23,125 मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशी को वोट देने के बजाय नोटा का बटन दबाना पसंद किया। हालांकि यह संख्या पिछले लोकसभा चुनाव से कम है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 33 हजार लोगों ने नोटा का विकल्प चुना था।

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