Himachal : बिना अध्यापक (Teacher) कैसे जलेगी शिक्षा की लौ

राजकीय प्राथमिक स्कूल जमली (GPS Jamli) में पांच कक्षाओं को पढाने के लिए मात्र एक सरकारी अध्यापक   (Teacher)
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हमीरपुर ।   बडसर (Barsar) विधानसभा क्षेत्र के सैंकड़ों नौनिहालों का भविष्य अंधकार में लटक गया है। पहले ही कोरोना (Corona) महामारी के चलते सूबे के स्कूल (School) तकरीबन दो वर्षों बाद खुल पाए है, वहीं स्कूलों में नौनिहालों के पंहुचने के बाद अब अध्यपकों का टोटा नौनिहालों के भविष्य को निगल रहा है। प्रदेश सरकार  (State Government) व शिक्षा विभाग (Education Department) बेहतरीन शिक्षा देने के भले ही लाखों दावे कर रही हो लेकिन सरकार (State) के इन दावों की पोल धरातल पर खुलती नजर आ रही है । राजकीय प्राथमिक स्कूल जमली (GPS Jamli) में दो पंचायतों के बच्चे पढ़ते है। स्कूल (School) की पांच कक्षाओं में 50 के करीब नौनिहाल है,  लेकिन स्कूल में इन्हें पढाने के लिए शिक्षा विभाग (Education Department) की एक ही अध्यापिका (Teacher) है।

बताया जा रहा है कि स्कूल (School) में पहले दो सरकारी अध्यापिकाएं थी जिनमें से एक की प्रमोशन होने के चलते वह अन्य स्कूल में स्थानातरित (Transferred)  हो चुकी है।  स्कूल में मुख्याध्यापिका का तबादला होने के चलते इसी अध्यापिका को मुख्याध्यापक का कार्यभार भी संभालना पड़ रहा है। हालांकि स्कूल प्रबन्धन कमेटी द्वारा बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक टीचर (Teacher) की न्युक्ति की है लेकिन पांच कक्षाओं को पढना दो लोगों पर भारी पड गया है । स्कूल में तीन तीन कक्षाओं को एक साथ बिठाकर  पढाना इनकी मजबूरी बन गया है। ऐसे में सबाल उठता है कि स्कूलों (Schools) में बिना अध्यापकों के कैसे जलेगी शिक्षा (Education) की लौ। सरकार प्रदेश में बेहतर शिक्षा (Education) उपलब्ध करवाने की बड़ी बड़ी बाते तो हर मंच से करती रही है लेकिन धरातल पर हालात कुछ और ही ब्यान करते नजर आ रहे है।


उपमंडल बडसर (Barsar) के कई ऐसे स्कूल है जहां एक या दो अध्यापकों से कम चलाया जा रहा है। क्षेत्र के राजकीय प्राथमिक स्कूल जमली (GPS Jamli) में तो एक ही सरकारी अध्यापक (Teacher) द्वारा स्कूल में बच्चों की पढाई व अन्य व्यवस्था संभाली जा रही है। इस प्राथमिक स्कूल में पांच कक्षाएं चल रही है और दो पंचायतों के बच्चे यहाँ पढने आते है, लेकिन बिडंबना यह है कि स्कूल में शिक्षा विभाग (Education Department)  की एक ही अध्यापिका है जो अकेले ही स्कूल की सारी जिम्मेदारियां उठायें हुए है। अविभावकों ने प्रदेश सरकार (State Government) व शिक्षा विभग (Education Department) से स्कूल में खाली पड़े अध्यापकों के पद भरने की मांग उठाई है ताकि उनके बच्चों के भविष्य को अन्धकार में जाने से बचाया जा सके।

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उधर कार्यावाह्क मुख्याध्यापिका राजकीय प्राथमिक स्कूल जमली बीना देवी (Veena Devi)  ने बताया कि  मुख्याध्यापिका की पदोन्नति होने के चलते उनका तबादला हो गया है। बच्चों को पढाने के साथ साथ मुख्याध्यापिका का कार्य भी मुझे ही करना पड़ रहा है।  पीटीए अध्यापकों के सहारे काम चलाया जा रहा है। स्कूल (School)  की पांच कक्षाओं में 50 के करीब बच्चे पढ़ते है।

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उधर स्कूल प्रबन्धक कमेटी जितेन्द्र कुमार (Jitender Kumar) ने बताया कि  जमली (Jamli) प्राथमिक स्कूल में अध्यापकों की कमी चल रही है।  वर्तमान में तो एक ही सरकारी अध्यापक स्कूल में है। पीटीए (PTA)  पर अध्यापक रखे है लेकिन उनको सैलरी की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है अधिकांश अविभावक गरीब परिबार से होने चलते पैसे नहीं दे पा रहे है। प्रदेश सरकार (State Government) व शिक्षा विभाग  (Education Department)  से मांग है कि स्कूल में शीघ्र अतिशीघ्र अध्यापकों के खाली पड़े पदों को भरे ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा (Education) मिल सके।  

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