हिमाचल सरकार ने वापस लिया मुफ्त बिजली का फैसला, योजना से बाहर होंगे हजारों परिवार

वित्तीय संकट का सामना कर रही हिमाचल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश में 125 यूनिट मुफ्त बिजली का फैसला वापस ले लिया है। अब प्रदेश में साधन संपन्न परिवारों को मुफ्त बिजली योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
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वित्तीय संकट का सामना कर रही हिमाचल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश में 125 यूनिट मुफ्त बिजली का फैसला वापस ले लिया है। अब प्रदेश में साधन संपन्न परिवारों को मुफ्त बिजली योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इससे प्रदेश सरकार पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ कुछ हद तक कम हो जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है।   Sukhu Cabinet 125 units free electricity affluent people income taxpayers Class I employees Class II employees electricity meter Aadhaar card ration card Minister Harshvardhan Chauhan Chief Minister MLA (Member of Legislative Assembly) MP (Member of Parliament) OSD (Officer on Special Duty) financial crisis electricity board electricity subsidy government contractors transparency economic crisis

शिमला। वित्तीय संकट का सामना कर रही हिमाचल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश में 125 यूनिट मुफ्त बिजली का फैसला वापस ले लिया है। अब प्रदेश में साधन संपन्न परिवारों को मुफ्त बिजली योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इससे प्रदेश सरकार पर पड़ने वाला वित्तीय बोझ कुछ हद तक कम हो जाएगा। शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है।

 

राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए है। कैबिनेट ने सबसे बड़ा और अहम फैसला 125 यूनिट पर फ्री बिजली पर लिया गया। कैबिनेट के फैसले के मुताबिक अब साधन संपन्न लोगों को मुफ्त बिजली योजना से बाहर किया जाएगा। इनकम टैक्स देने वाले लोगों, क्लास वन और क्लास टू कर्मचारियों को भी 125 यूनिटी तक फ्री बिजली योजना का लाभ नहीं मिलेगा। एक परिवार को एक मीटर पर ही 125 यूनिट निशुल्क बिजली का लाभ मिलेगा।

 

कैबिनेट बैठक में बिजली मीटर को आधार या राशन कार्ड से जोड़ने का भी महत्वपूर्ण फैसला लिया है। मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि सीएम, पूर्व सीएम, मंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, विधानसभा अध्यक्ष, पूर्व विस अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष, एमपी, पूर्व एमपी, ओएसडी, सलाहकार, बोर्ड/निगम के चेयरमैन, उपाध्यक्ष के अलावा आईएएस, आईपीएस, एचएएस अधिकारियों, प्रथम श्रेणी व द्वितीय श्रेणी कर्मचारियों को 125 यूनिट बिजली निशुल्क नहीं मिलेगी।

 

एक परिवार के एक ही बिजली मीटर पर सब्सिडी

इसके साथ ही ए और बी श्रेणी के सरकारी ठेकेदारों सहित आयकर देने वालों की बिजली सब्सिडी भी वापस लेने का फैसला लिया गया है। एक परिवार के एक ही बिजली मीटर पर सब्सिडी दी जाएगी। मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है। बिजली बोर्ड के पास कर्मचारियों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है। पिछली सरकार की ओर से बिजली पर दी गई सब्सिडी की देनदारियां भी इस सरकार को चुकानी पड़ रही हैं। 

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