हिमाचल के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रयागराज महाकुंभ में किया स्नान

हिमाचल प्रदेश केउप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को महाकुंभ मेला-2025 में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर पवित्र स्नान किया। इस दौरान उनके साथ उनकी बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री भी उपस्थित थीं।
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हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को महाकुंभ मेला-2025 में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर पवित्र स्नान किया। इस दौरान उनके साथ उनकी बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री भी उपस्थित थीं। उप-मुख्यमंत्री ने संगम में श्रद्धापूर्ण डुबकी लगाते हुए देशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri Prayagraj Mahakumbh Mela 2025 Triveni Sangam Pilgrimage Spiritual Energy Religious Significance Cultural Heritage Indian Traditions Sacred Dip Faith and Belief Spiritual Cleansing Kumbh Mela Rituals Sacred Bath Indian Culture Social Harmony Local Devotees Pilgrimage Sites

शिमला। हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रविवार को महाकुंभ मेला-2025 में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम तट पर पवित्र स्नान किया। इस दौरान उनके साथ उनकी बेटी डॉ. आस्था अग्निहोत्री भी उपस्थित थीं। उप-मुख्यमंत्री ने संगम में श्रद्धापूर्ण डुबकी लगाते हुए देशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, "प्रयागराज का संगम स्थल आध्यात्मिक ऊर्जा और आस्था का प्रतीक है, जहां आकर मन को अद्भुत शांति और सकारात्मकता का अनुभव होता है।" इस अवसर पर अग्निहोत्री ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल हमें हमारी जड़ों से जोड़ते हैं और समाज में सद्भावना का संचार करते हैं।

 

कुंभ स्नान का धार्मिक महत्व

कुंभ मेला एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन है। यह मेला चार पवित्र नदियों – गंगा, यमुना, सरस्वती और भगवान विष्णु के 'आशीर्वाद' का प्रतीक माना जाता है। पवित्र स्नान के दौरान श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने और आत्मशुद्धि के लिए त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाते हैं। माना जाता है कि इस दिन स्नान करने से शरीर और आत्मा की शुद्धि होती है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

कुंभ स्नान का आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी मानवता को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर है। स्नान के उपरांत उप-मुख्यमंत्री ने संगम क्षेत्र के विभिन्न धार्मिक स्थलों का भी भ्रमण किया और वहां उपस्थित स्थानीय श्रद्धालुओं से संवाद किया।

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