Himachal Day : 76 साल के हिमाचल में बने सात मुख्यमंत्री, सबसे लंबे समय किसने किया राज
हिमाचल प्रदेश आज 15 अप्रैल 2024 को 76 साल का हो गया है। हिमाचल भारतीय संविधान के कार्यान्वयन के साथ 26 जनवरी 1950 को भाग सी राज्य बन गया। हिमाचल प्रदेश एक नवंबर 1956 को केंद्र शासित प्रदेश बना। 18 दिसंबर 1970 को हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया और 25 जनवरी 1971 को नया राज्य अस्तित्व में आया। इस प्रकार हिमाचल प्रदेश भारतीय संघ के अठारहवें राज्य के रूप में उभरा। वर्ष 1952 में राज्य में पहली बार चुनाव हुए।
हिमाचल प्रदेश को अब तक साल अलग-अलग मुख्यमंत्री मिल चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा कांग्रेस ने सूबे पर राज किया। आज हम आपको प्रदेश में चुनाव का पूरा इतिहास बता रहे हैं। राज्य में कब-कब चुनाव हुए और किस पार्टी ने जीत हासिल की? कौन सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहा? आइए जानते हैं...
आजादी के बाद 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश चीफ कमिश्नर के राज्यों के रूप में अस्तित्व में आया। 26 जनवरी 1950 को जब देश गणतंत्र बना तो हिमाचल प्रदेश को 'ग' श्रेणी के राज्य का दर्जा मिला। 1952 में राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। तब सूबे में 36 विधानसभा सीटें थीं। चुनाव में कांग्रेस के अलावा किसान मजदूर प्रजा पार्टी, शेड्यूल कास्ट फेडरेशन के उम्मीदवार खड़े थे। कांग्रेस ने 35 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और 24 सीटें जीतीं। किसान मजदूर पार्टी के 22 में से तीन प्रत्याशी जीते। शेड्यूल कास्ट फेडरेशन के एक और आठ निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की।
कांग्रेस के यशवंत सिंह परमार हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 1956 तक यानी चार साल 237 दिन उन्होंने सूबे की कमान संभाली। इसके बाद विधानसभा भंग करके हिमाचल को केंद्र शासित राज्य बनाया गया। ये दर्जा 1963 तक रहा। बाद में फिर इसे विधानसभा के साथ केंद्र शासित राज्य का दर्जा मिला। तभी यशवंत सिंह परमार ही मुख्यमंत्री बने। उन्होंने एक जुलाई 1963 से चार मार्च 1967 तक केंद्र शासित राज्य के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली।
1967 में 60 विधानसभा क्षेत्रों वाली विधानसभा में चुनाव हुआ। सरकार बनाने के लिए 31 सीटों की जरूरत थी। कांग्रेस ने 34 सीटों पर जीत हासिल की। भारतीय जनसंघ ने हिमाचल में पहली बार चुनाव लड़ा और सात पर विजय मिली। दो सीटें कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में गईं। स्वतंत्र पार्टी का एक उम्मीदवार चुनाव जीता। 16 निर्दलीय विधायक बने थे। यशवंत सिंह परमार तीसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने और 1977 तक पद पर रहे।
इस बीच, 1971 में हिमाचल प्रदेश को वापस पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। इसके बाद 1972 में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को ही जीत मिली। 1972 में 68 सीटों पर हुए चुनाव में कांग्रेस के 53 प्रत्याशी जीते। भारतीय जनसंघ के पांच, लोकराज पार्टी हिमाचल प्रदेश के दो, सीपीआई (एम) के एक और सात निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी जीत हासिल की।
कब-कब चुनाव हुए और किस पार्टी ने कितनी सीटें जीतीं?
चुनाव | कांग्रेस | भाजपा |
1952 | 24 | — |
1967 | 34 | भारतीय जनसंघ (07) |
1972 | 53 | भारतीय जनसंघ (05) |
1977 | 09 | जनता पार्टी (53) |
1982 | 31 | 29 (भाजपा ने पहली बार चुनाव लड़ा) |
1985 | 58 | 07 |
1990 | 09 | 46 |
1993 | 52 | 08 |
1998 | 31 | 31 |
2003 | 43 | 16 |
2007 | 23 | 41 |
2012 | 36 | 26 |
2017 | 21 | 44 |
2022 | 40 | 25 |
जब चुनाव हो गया था टाई, भाजपा-कांग्रेस को मिली थीं 31-31 सीटें
हिमाचल में 1998 के चुनाव में मुकाबला काफी रोचक हो गया था। 68 सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच टाई की स्थिति पैदा हो गई। दोनों पार्टियों ने 31-31 सीटों पर जीत हासिल कीं। बहुमत के लिए 35 सीटों की जरूरत थी। हालांकि, भाजपा ने हिमाचल विकास कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया। हिमाचल विकास कांग्रेस के पांच विधायकों के बल पर भआजपा प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बन गए। हिमाचल प्रदेश में भाजपा पहली बार 1982 में चुनाव लड़ी थी। तब पार्टी के 29 विधायक चुने गए थे। इससे पहले 1967 और 1972 में भारतीय जनसंघ, जबकि 1977 में जनता पार्टी ने कांग्रेस को टक्कर दी थी।
किसने कब-कब संभाली सूबे की कमान?
मुख्यमंत्री | कब से कब तक? | पार्टी |
यशवंत सिंह परमार | 8 मार्च 1952 से 31 अक्तूबर 1956 | कांग्रेस |
यशवंत सिंह परमार | 01 जुलाई 1963 से 28 जनवरी 1977 | कांग्रेस |
ठाकुर रामलाल | 28 जनवरी 1977 से 30 अप्रैल 1977 | कांग्रेस |
राष्ट्रपति शासन | 30 अप्रैल 1977 से 22 जून 1977 | |
शांता कुमार | 22 जून 1977 से 14 फरवरी 1980 | जनता पार्टी |
ठाकुर रामलाल | 14 फरवरी 1980 से 07 अप्रैल 1983 | कांग्रेस |
वीरभद्र सिंह | 08 अप्रैल 1983 से 05 मार्च 1990 | कांग्रेस |
शांता कुमार | 05 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 | भाजपा |
राष्ट्रपति शासन | 15 दिसंबर 1992 से 03 दिसंबर 1993 | |
वीरभद्र सिंह | 03 दिसंबर 1993 से 23 मार्च 1998 | कांग्रेस |
प्रेम कुमार धूमल | 24 मार्च 1998 से 05 मार्च 2003 | भाजपा |
वीरभद्र सिंह | 06 मार्च 2003 से 30 दिसंबर 2007 | कांग्रेस |
प्रेम कुमार धूमल | 30 दिसंबर 2007 से 25 दिसंबर 2012 | भाजपा |
वीरभद्र सिंह | 25 दिसंबर 2012 से 27 दिसंबर 2017 | कांग्रेस |
जयराम ठाकुर | 27 दिसंबर 2017 से 11 दिसंबर 2022 | भाजपा |
सुखविंद्र सिंह सुक्खू | 11 दिसंबर 2022 से अब तक | कांग्रेस |
वीरभद्र सबसे लंबे समय तक सीएम रहे, परमार दूसरे नंबर पर
हिमाचल में लंबे समय तक कांग्रेस का ही राज रहा है। इस दौरान सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड वीरभद्र सिंह के नाम है। वीरभद्र सिंह 21 साल से ज्यादा समय तक हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। इससे पहले कांग्रेस के ही यशवंत सिंह परमार 18 साल से अधिक समय तक हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। इन दोनों के अलावा ठाकुर राम लाल तीन बार, शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल ने दो-दो बार राज्य की कमान संभाली। इसके अलावा दो बार राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लगा।
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