चकमोह पंचायत के ग्रामीणों ने दियोटसिद्ध मंदिर में चढ़ाया झंडा

ग्राम पंचायत चकमोह के बनारसी दास के वंशज व चकमोह गांव के समस्त ग्रामीणों ने हर साल की भांति इस वार भी चैत्र मास के उपलक्ष्य पर बाबाजी की पवित्र गुफा में झंडा चढ़ाया।  ग्रामीणों ने चकमोह गांव से लेकर दियोटसिद्ध मंदिर तक पैदल झंडा यात्रा निकाली ।
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हमीरपुर ।   उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में ग्राम पंचायत चकमोह के बनारसी दास के वंशज व चकमोह गांव के समस्त ग्रामीणों ने हर साल की भांति इस वार भी चैत्र मास के उपलक्ष्य पर बाबाजी की पवित्र गुफा में मंगलवार को झंडा चढ़ाया।  इस झंडा रस्म में चकमोह गांव के ग्रामीणों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया व गांव में भंडारे का आयोजन भी किया गया। चकमोह पंचायत के ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह चकमोह गांव से लेकर दियोटसिद्ध मंदिर तक पैदल झंडा यात्रा निकाली।

इस झंडा यात्रा में सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया।  बाबा जी का गुणगान करते हुए ग्रामीण बाबाजी के दरबार में पहुंचे व मंदिर में झंडा चढ़ाया। इस दौरान पूर्व न्यासी रामेश्वर दत्त, सोमदत्त शर्मा, प्रवीण, राकेश मैहर,जगदेव शर्मा, राज कुमार, रजत, विशाल, अशोक कुमार, विशाल, रोहित, अमित, चकमोह पंचायत प्रधान किरण शर्मा, रमाननंद, कृष्ण चंद, अजय शर्मा, दिनेश कुमार, अंकुश कतना, नवीन कुमार , महिला मंडल व यवुक मंडल के सदस्य सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।


चकमोह पंचायत के ग्रामीणों ने बताया कि शाहतलाई से श्री सिद्ध बाबा बालक नाथ जी चकमोह गांव की इस धौलागिरी की पहाड़ी पर गुफा में बसे थे। तो गांव के बनारसी दास को गुफा दर्शन दिए और उन्हें पूजा अर्चना के लिए प्रेरित किया। बनारसी दास के बाद उनके कुल के चकमोह वासी गुफा की पूजा अर्चना बड़े श्रद्धा भाव से बाबा जी की गुफा में पूजा अर्चना करते रहे। श्रद्धालुओं का श्रद्धा भाव बढ़ता गया और बड़ी मात्रा में लोग बाबा जी के दर्शनों को आने लगे चैत्र मास मे बाबाजी के गुफा में झंडा रसम हमारे पूर्वजों द्वारा की जाती थी।

जब बाबाजी की कृपा श्रद्धालुओं पर हुई तो बड़ी मात्रा में श्रद्धालु गुफा दर्शन को आने लगे। तत्पश्चात यहां मंदिर न्यास की स्थापना हुई और ग्रामवासी किन्हीं कारणों से पूजा अर्चना और पूर्वजों द्वारा की जाने वाली झंडा रसम से बंचित रह गए। अब फिर से 14 मार्च चैत्र मास को सभी ग्राम वासियों ने अपना दायित्व समझा।

पुन: अपने पूर्वजों के पद चिन्हों पर चलने और पूर्वजों के द्वारा स्थापित परीपति का निर्वाहन करने के लिए सभी ग्राम वासियों और युवाओं ने झंडा रस्म निभाने का बेड़ा उठाया है  और 14 मार्च चैत्र मास में झंडा रस्म को पूरे चकमोह के ग्रामीणों द्वारा एकत्रित होकर पूरे श्रद्धा भाव से मंदिर बाबा बालक नाथ में झंडा रस्म निभाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बाबाजी के दरवार में हर वर्ष झंडा चढ़ाने की रस्म को निभाया जाएगा।

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