दियोटसिद्ध में 19 फरवरी को मनाई जाएगी समाधिलीन महंत शिवगिरि जी महाराज की 19वीं बरसी

समाधिलीन महंत  श्रीश्रीश्री 1008 शिवगिरि जी महाराज की 19वीं बरसी  पर प्रसिद्ध गायक करेगें बाबाजी की महिमा का गुणगान । 19 फरवरी को देश विदेश से बाबाजी के भक्त महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरि के आश्रम में जुटेंगे।
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हमीरपुर  । जिला हमीरपुर के  धौलगिरी पर्वत पर विराजमान बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में महंत परंपरा एवं गुरु गद्दी का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि बाबा के गुफा में प्रकट होने का है। तभी से बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में गुरु-शिष्य की परंपरा चली आ रही है। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए वर्तमान महंत श्रीश्रीश्री1008 राजेंद्र गिरि जी महाराज 19 फरवरी रविवार को अपने गुरु समाधिलीन महंत श्रीश्रीश्री 1008  शिव गिरि जी महाराज की 19वीं बरसी के उपलक्ष्य में मेले का आयोजन करेंगे।

महंत परिसर में हर साल की भांति इस साल भी महंत परिसर में गुरु बरसी का आयोजन होगा। इस आयोजन में कई प्रसिद्ध गायक गुरु गद्दी की परंपरा अनुसार बाबा जी का गुणगान कर संगत को निहाल करेंगे व भोज का आयोजन भी किया जाएगा। इस कार्यक्रम में  प्रसिद्ध गायक गौतम जालंधरी, प्रसिद्ध गायक वंदना धीमान, प्रसिद्ध गायक अमित धर्मकोटी मुख्य रूप से पहुंचेंगे। वहीं महंत परिसर में आयोजित गुरु बरसी मेले के मंच का संचालन राकेश केसु करेंगे।

19 फरवरी को देश विदेश से बाबाजी के भक्त महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरि के आश्रम में जुटेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन रविवार सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चलेगा।  प्राचीन काल से ही मंदिर में गुरु गद्दी पर बैठे महंत को श्रद्धालु बाबा जी का दूसरा रूप मानते हैं। यही कारण है कि पौणाहारी के दरबार आने वाला हर श्रद्धालु बाबा बालक नाथ की गुफा के दर्शनों के बाद महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरि जी महाराज के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। महंतों द्वारा समाज के प्रति विकास का नजरिया क्षेत्र के लोगों अनुयायियों व श्रद्धालुओं के जहन में आज भी यादें ताजा करता है।

वर्तमान महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरि जी महाराज अपने समाधीलीन गुरु महंत शिवगिरी जी के पद चिन्हों पर चलते हुए उनके सपनों को साकार कर रहे हैं व गुरु-शिष्य की परंपरा को भी बखूबी निभाते हुए हर साल बाबा बालक नाथ मंदिर में स्थित महंत परिसर में गुरु बरसी मेले का आयोजन बड़ी धूमधाम से करते आ रहे हैं। वहीं महंत राजिंद्र गिरि जी ने कहा कि 19 फरवरी रविवार को होने वाली बरसी में विभिन्न मठों व मंदिरों के महंतों व संतों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया गया है। महंत राजिंद्र गिरि जी महाराज ने लोगों से इस बरसी मेले में पहुंचकर पुण्य का भागीदार बनने का आह्वान किया है।



श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरि जी महाराज प्राचीन गद्दी के 13वें महंत  


महंत श्रीश्रीश्री 1008 राजेंद्र गिरि जी महाराज प्राचीन गद्दी के 13वें महंत हैं। इससे पूर्व में बाबा बालक नाथ मंदिर की व्यवस्था का जिम्मा बाबा के अनन्य भक्त बनारसी दास के वंशज स्थानीय चकमोह निवासी व गिरी संप्रदाय से जुड़े साधुओं के हाथ में था। बाद में गिरी सम्प्रदाय के साधु इस मंदिर के महंत कहलाए। वर्ष 1987 को प्रदेश सरकार ने मंदिर का अधिग्रहण कर यहां एक ट्रस्ट का गठन किया तब से मंदिर की व्यवस्था का जिम्मा ट्रस्ट के अधीन है। क्षेत्र के विकास में प्राचीन गद्दी के महंतों का योगदान कम नहीं है। क्षेत्र में विकास का अलख जगाने वाले समाधीलीन महंत  शिवगिरी जी महाराज भले ही आज इस संसार में नहीं हैं, लेकिन वह आज भी समाज के लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बने हुए हैं।



महंत शिव गिरि जी ने चकमोह में कालेज की स्थापना और अस्पताल की नींव भी रखी  


महंत शिव गिरि जी ने वर्ष 1982 में विकास का नया इतिहास लिखा और क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को स्नातक की पढ़ाई करने के लिए बाबा बालक नाथ मंदिर से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर चकमोह में स्नातक की पढ़ाई के लिए कॉलेज की स्थापना की। महंत शिव गिरि ने वर्ष 1985 में क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के उद्देश्य से चकमोह में ही 100 बिस्तर के अस्पताल की नींव रखवाई थी। इससे पूर्व उन्होंने बाबा के दरबार में आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए लंगर, बिजली, पानी व अन्य तमाम सुविधाएं मुहैया करवाई।

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