बल्ह विहाल स्कूल का भूमि विवाद सुलझा, स्कूल के नाम हुई 10 कनाल भूमि

बल्ह  बिहाल स्कूल के नाम  भूमि न होने के चलते विकास कार्यों व खेल गतिविधियों पर विराम लग गया था। लगातार कई वर्षों से प्रयासों के बावजूद स्कूल के नाम भूमि ट्रांसफर न होने से छात्रों के साथ साथ अभिभावक भी परेशान थे ।  विधायक निधि से स्कूल में 3 कमरों के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत हुई थी। भूमि स्कूल के नाम होने के चलते धनराशि नहीं मिल पाई। 
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हमीरपुर   ।  हिमाचल में सुक्खू सरकार व्यवस्था परिवर्तन करने में लगी हुई है। इसका ताजा उदाहरण बड़सर उपमंडल के अंतर्गत पढ़ने वाले राजकीय उच्च विद्यालय बल्ह  बिहाल में देखने को मिला है। विश्राम गृह बिझडी में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस सचिव कृष्ण कुमार चौधरी ने बात कहीं। उन्होंने कहा कि राजकीय उच्च विद्यालय बल्ह  बिहाल वर्ष 1999 में हाई स्कूल का दर्जा दिया गया था। स्कूल के नाम भूमि का नहीं होना बहुत बड़ी समस्या थी। जिसके कारण स्कूल कैंपस में किसी प्रकार का निर्माण कार्य करवाना मुश्किल हो रहा था।

प्रदेश कांग्रेस सचिव कृष्ण चौधरी ने बताया कि विधायक निधि से स्कूल में 3 कमरों के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत हुई थी। भूमि स्कूल के नाम होने के चलते धनराशि नहीं मिल पाई। चौधरी ने यह भी बताया कि पूर्व सरकार के समय में भूमि स्कूल के नाम करवाने के लिए कई सार्थक प्रयास किए गए, लेकिन भूमि स्कूल के नाम नहीं हुई। अब जब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ है तो 15 दिनों के भीतर स्कूल के नाम भूमि हो जाने पर प्रदेश सचिव कृष्ण कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू व बड़सर  के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल का आभार व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि  कांग्रेस सरकार सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए सत्ता में आई है।  उन्होंने कहा कि  बिझडी  क्षेत्र में  लंबित पड़े विकास कार्यो को भी अमलीजामा पहना जाएगा। हमें समाज सेवा का मौका जनता ने दिया है तथा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह भी कह चुके हैं कि  हम व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं, न की सत्ता का सुख भोगने के लिए।   


गौर रहे कि पिछले कई सालों से  बल्ह  बिहाल स्कूल के नाम  भूमि न होने के चलते विकास कार्यों व खेल गतिविधियों पर विराम लग गया था। लगातार कई वर्षों से प्रयासों के बावजूद स्कूल के नाम भूमि ट्रांसफर न होने से छात्रों के साथ साथ अभिभावक भी परेशान थे । इसी दौरान  कुछ दिन पहले  स्कूल का वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के  सचिव कृष्ण चौधरी ने शिरकत की । जब समस्या उनके ध्यान में लाई गई तो उन्होंने घोषणा कर दी कि 15 दिन के अंदर में इस भूमि को स्कूल के नाम करवा दूंगा अन्यथा राजनीति से सन्यास ले लूँगा। इन्हीं के प्रयासों से अब स्कूल के नाम लगभग 10 कनाल भूमि हो गई है। जिसके चलते स्कूल प्रबंधन व स्कूल स्टाफ द्वारा कृष्ण चौधरी को शाल  व टोपी देकर सम्मानित किया गया।

मुख्य अध्यापक लेख राम ने बताया कि काफी समय से स्कूल के नाम भूमि नहीं हो रही थी, लेकिन समाजसेवी व कांग्रेस कमेटी के सचिव पूर्व में पंचायत प्रधान रहे कृष्ण चौधरी के प्रयासों से भूमि स्कूल के नाम हो गई है। जिससे कि आगामी समय में बच्चों के लिए खुला  खेल मैदान ब  अन्य कमरों की व्यवस्था की जाएगी । इस मौके पर एसएमसी के प्रधान सतीश शर्मा, स्कूल स्टाफ,  जिला परिषद मीना कुमारी, पूर्व प्रधान सुनील पटियाल, वार्ड पंच राकेश कुमार, अनीता कालिया, योगराज इत्यादि उपस्थित रहे।

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