BARSAR क्षेत्र में सरकारी संपत्ति पर लगाए जा रहे होर्डिंग
बड़सर। उपमंडल बड़सर में सार्वजनिक स्थानों व सरकारी संपत्ति (Government Property) पर विज्ञापन व होर्डिंग्स (Advertisement Hoarding) लगाकर सरेआम प्रदेश विरुपण अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रशासन इस मसले पर मौन बैठा हुआ है। इस अधिनियम के मुताबिक किसी भी सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति होर्डिंग्स व बैनर (Hoarding & Banner) नहीं लगाए जा सकते हैं। जबकि सरकारी संपत्ति (Government Property) पर इन्हें लगाना गैर कानूनी है।
नियमों के उलट बड़सर (Barsar) उपमंडल के क्षेत्रों में मैहरे, बड़सर, बणी, सलौनी, बिझड़ी, गारली, चकमोह व एनएच के किनारे होर्डिंग्स (Hoarding), बैनर व पोस्टर बिजली के खंभों, वर्षा शालिका व अन्य सरकारी संपत्ति पर लगे हुए हैं। इसके अतिरिक्त पेड़ों पर भी कीलों की सहायता से होर्डिंग्स (Hoarding) लटका कर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि जिसका भी दिल करता है वो अपने होर्डिंग, बैनर (Hoarding Banner) जहां तहां लगाकर चला जाता है।
हैरानी की बात यह है कि कई विज्ञापनों (Advertisements) में संबंधित पार्टी का पूरा पता व फोन नंबर लिखा होने के बावजूद भी प्रशासन इन पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर पाया है। इनको लगाने में सबसे ज्यादा योगदान निजी स्कूलों व राजनीतिक पार्टियों का है, जबकि प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मसले पर चुप्पी साध रखी है। ऐसे में लोगों का दबी जुबान में कहा कि नियम कायदे बनाने का क्या फायदा जब उन पर अमल ही न करना हो। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सार्वजनिक व सरकारी संपत्तियों (Government Property's) का नुकसान करके अपना धंधा चमकाने वाले व्यक्तियों व संस्थानों पर कार्रवाई करके समस्या से निजात दिलवाई जाए।
उधर, एसडीएम बड़सर शशीपाल शर्मा ने बताया कि सार्वजनिक स्थान पर बिना अनुमति होर्डिंग्स व बैनर (Hoarding & Banner) नहीं लगाए जा सकते है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि होर्डिंग्स व बैनर (Hoarding & Banner) हटाने के उक्त संस्थानों को आदेश दिए जाएगें।
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