Hamirpur News : जिले में 105 करोड़ में नीलाम हुए 144 शराब के ठेके

हमीरपुर जिला में छह साल बाद पांच यूनिट में 144 शराब के ठेकों के लिए  जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में ठेकों की नीलामी की गई। निर्धारित लक्ष्य से 25 फीसदी ज्यादा दामों पर हुए नीलाम। सरकार को 25 प्रतिशत का मुनाफा।
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हमीरपुर । हमीरपुर जिला में छह साल बाद पांच यूनिट में 144 शराब के ठेकों के लिए  जिला मुख्यालय स्थित बचत भवन में ठेकों की नीलामी की गई। ठेकों की यह नीलामी पीठासीन अधिकारी एडीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा की देखरेख में की गई।  अब तक 84 करोड़ में हर साल दस फीसदी बढ़ोतरी के तहत ठेकों को अलॉट किया जाता रहा। इस बार दस फीसदी बढ़ोतरी के तहत 94 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन बोलिदाताओं द्वारा लगाई गई हाई स्केल बोलियों के चलते यह लक्ष्य बढक़र 105  करोड़ तक पहुंच गया।

बताते हैं कि जिला के भोरंज, बड़सर, सुजानपुर, नादौन और हमीरपुर यूनिट में कुल 144 शराब के ठेको की इस नीलामी में इस बार 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जिससे सरकार को 25 प्रतिशत का मुनाफ होगा। नए वित्त वर्ष में जिला हमीरपुर के शराब ठेकों से प्रदेश सरकार को 105 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। जबकि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में जिले के शराब ठेकों से सरकार को 84 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। इस तरह आगामी वित्त वर्ष 20 करोड़ रुपये का सीधा लाभ प्रदेश सरकार को राज्य कर एवं आबकारी विभाग हमीरपुर ने करवाया है।

जिला हमीरपुर के पांच विधानसभा क्षेत्रों में कुल 144 शराब की दुकानें चल रही हैं। इन दुकानों को आगामी वित्ती वर्ष 2023-24 के लिए आवंटित करने के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने वीरवार को बचत भवन हमीरपुर में खोली बोली रखी। इस बोली कार्यक्रम की अध्यक्षता एडीसी हमीरपुर जितेंद्र सांजटा ने की। जबकि संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी रविंद्र कुमार और कुलभूषण गौतम ने पर्यवेक्षक की भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन उपायुक्त राज्य कर एवं आबकारी हमीरपुर वरुण कटोच ने किया।

सबसे पहले मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गृह विधानसभा क्षेत्र की 28 शराब दुकानों के लिए खुली बोली लगाई गई। जिसमें चार कारोबारियों ने टेंडर फार्म जमा करवाए थे। वीके लिक्कर कंपनी ने 24.72 करोड़ रुपये की अधिकतम बोली लगाकर नादौन यूनिट के अंतर्गत चल रहे ये शराब की दुकानें हासिल कीं। इसके बाद हमीरपुर यूनिट की 27 शराब दुकानों के लिए टेंडर फार्म के माध्यम से प्रभात सिंह एंड अमित कौशल कंपनी ने 22 करोड़ 66 लाख 20 हजार रुपये में यह बोली जीती।

सुजानपुर यूनिट 18 दुकानों के लिए तीन बोलीदाता थे, जिसमें अंकुश गुप्ता ने 14.05 करोड़ रुपये में बाजी मारी। बड़सर यूनिट की 35 दुकानें को लिए एकमात्र टेंडर फार्म आया, जिसे कांग्रेस नेता कृष्ण कुमार चौधरी 19.46 करोड़ रुपये में हासिल किया। यहां विभाग ने इन शराब की दुकानों का आरक्षित मूल्य 19.44 लाख रुपये रखा था। खुली बोली में दूसरे कारोबारी ने बहुत कम बोली लगाई। जिसके चलते कृष्ण कुमार शराब यूनिट हासिल करने में कामयाब रहे। भोरंज यूनिट की 36 शराब दुकानों के लिए कुल पांच कारोबारियों ने बोली लगाई, जिसमें रमेश चंद ने 23.54 करोड़ की उच्चतम बोली लगाई।

नादौन यूनिट को लेकर हुआ विवाद


नादौन यूनिट के 28 शराब ठेकों को हासिल करने के लिए शुरू में कारोबारियों में खुली बोली लगी। जिसमें वीके लिक्कर, नवीन ठाकुर, सूर्या वाइन कंपनी और एक अन्य के बीच कुछ देर के लिए खूब बोली लगी लेकिन अचानक वीके लिक्कर ने 23 करोड़ के बाद बोली बंद कर दी। तीन अन्य कारोबारियों को महसूस हुआ कि अब यह शराब यूनिट हम तीनों के बीच ही आवंटित होंगे। इसके बाद इन तीनों ने भी 24.11 करोड़ में बोली रोक दी लेकिन जब टेंडर फार्म का बॉक्स खोला गया तो उसमें 24.72 करोड़ का सर्वाधिक रेट वीके लिक्कर की तरफ से पाया गया। इसके बाद काफी विवाद हुआ लेकिन मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि नियमों के मुताबिक बॉक्स से जो सबसे अधिक रेट का टेंडर फार्म वीके कंपनी का निकला है, इसलिए उसे ही यह यूनिट आवंटित होगा। इस दौरान पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा।

उधर  पीठासीन अधिकारी एडीसी जितेंद्र सांजटा के अनुसार हमीरपुर जिला में 144 शराब की दुकानें है, जिनकी नीलामी का कार्य शांतिपूर्वक संपन्न किया गया। हमीरपुर जिला की शराब की दुकानों को पांच यूनिट में विभाजित किया गया था। मौजूदा वित्तीय वर्ष में एक्साइज विभाग से 84 करोड़ रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया था और इसमें 10 प्रतिशत की वृद्धि कर आगामी वित्तिय वर्ष के लिए 94 करोड़ रुपए का टारगेट निर्धारित किया गया था, लेकिन नीलामी अंतिम प्रक्रिया में 104 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इसमें 20 से 25 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

उधर उप आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी हमीरपुर  वरुण कटोच  ने बताया कि  आवंटन प्रक्रिया में कुल 19 आवेदन प्राप्त हुए थे। नीलामी प्रक्रिया में पांचों आबकारी इकाइयों के लिए निर्धारित कुल आरक्षित मूल्य 94,37,96,900 रुपये की तुलना में 10,05,67,544 रुपये अधिक निविदाएं एवं बोली प्राप्त हुई, जो कि निर्धारित आरक्षित मूल्य से 10.66 फीसदी अधिक है।

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