स्कूलों को टैन नंबर दिलवाए शिक्षा विभाग : टीजीटी कला संघ
बीईईओ या डिप्टी डायरेक्टर स्तर पर शिक्षकों का आयकर कटवाने और अन्य देनदारियों के लिए टैन नंबर मौजूद हैं मगर स्कूलों के टैन नंबर नहीं हैं
हमीरपुर । प्रदेश के सरकारी स्कूलों के पास अब तक अपने टैन नंबर नहीं हैं। बीईईओ या डिप्टी डायरेक्टर स्तर पर शिक्षकों का आयकर कटवाने और अन्य देनदारियों के लिए टैन नंबर मौजूद हैं मगर स्कूलों के टैन नंबर नहीं हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग के जो भी नए खाते सरकारी या निजी बैंकों में खुल रहे हैं, वे स्कूल मुखिया के आधार कार्ड और पैन कार्ड से जोड़े जा रहे हैं। इसके कारण उक्त मुखिया के पैन कार्ड में स्कूली खातों की आय भी जुड़ जाती है और टैक्स भरने के बाद वेरिफिकेशन में अनावश्यक दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। उनको अतिरिक्त टैक्स देने के नोटिस आ सकते हैं और अन्य स्कूल में तबादला होने पर अनेकों तकनीकी समस्याएँ आ सकती हैं।
इस व्यवस्था का एकमात्र हल है टैन नंबर यानि टैक्स कटौती एवं एकत्रण खाता नंबर। सभी स्कूलों के टैन नंबर आवेदन के प्रक्रिया शुरू करवाने हेतु राजकीय टीजीटी कला संघ ने प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग को ज्ञापन सौंपा है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल और महासचिव विजय हीर ने बताया कि स्कूलों में आने वाले लाखों रूपये के फंड से स्कूल के मुखिया का पैन कार्ड व आधार कार्ड जोड़ना तर्कसंगत नहीं है और इससे पूर्व बायोमीट्रिक मशीनों के सिम कार्ड लेने हेतु भी इनके आधार कार्ड प्रयोग हुए हैं। स्कूल जो भी सामान खरीदते हैं, उनके लिए टैन नंबर की आवश्यकता भी पड़ती है। ऐसे में आयकर विभाग से एमओयू करते हुए समस्त स्कूलों का टैन कार्ड बनवाया जाए और ऑडिट हेतु भी इसका प्रयोग किया जाए ताकि सारे अनुदानों का हिसाब एक जगह हो सके।
मुख्य सचिव ने टीजीटी कला संघ सुझाव-पत्र पर की कार्यवाही
प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड और शिक्षा विभाग के द्वारा नई शिक्षा नीति के मूल्यांकन बदलावों में एकरूपता लाने हेतु टीजीटी कला संघ ने 15 सूत्रीय सुझाव- पत्र मुख्य सचिव राम सुभग सिंह को भेजा था। संघ महासचिव विजय हीर ने बताया कि प्रदेश सरकार मुख्य सचिव ने इस बारे प्रेषित सुझावों को तुरंत उचित कार्यवाही हेतु शिक्षा सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक को सौंपा है ताकि टर्म परीक्षा प्रणाली और एसए परीक्षा प्रणाली में तय हो सके कि कौन सी परीक्षाएँ होंगी और कौन ये परीक्षाएँ लेगा।
वर्तमान में एसएसए सीसीई प्रणाली, बोर्ड की टर्म परीक्षा प्रणाली दोनों ही लागू हैं जबकि कक्षा 10+1 और 10+2 में संकाय प्रणाली समाप्त करने की व्यवस्था लागू करने के प्रति भी फैसला सामने नहीं आया है।
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